प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहते हैं : मनीष सिसोदिया
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प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहते हैं : मनीष सिसोदिया

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के सलाहकार देश में दंगा भड़काने, माहौल खराब करने की सलाह देते हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार में नौ सलाहकारों की नियुक्ति केंद्रीय गृह मंत्रालय से रद्द होने के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने आदेश के माध्यम से उनकी सलाहकार आतिशी मार्लेना को निशाना बनाया क्योंकि उन्होंने शिक्षा व्यवस्था के सुधार में अहम भूमिका निभाई है.  

  1. केंद्र ने दिल्ली सरकार के 9 सलाहकारों की नियुक्ति रद्द की
  2. 4 सलाहकार काफी पहले छोड़ चुके हैं दिल्ली सरकार
  3. मनीष सिसोदिया का आरोप आतिशी मार्लेना को बनाया है निशाना

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की ठान ली है इसलिए यह आदेश जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जिन नौ सलाहकारों की नियुक्ति रद्द की है, उनमें से केवल चार ही दिल्ली सरकार में फिलहाल कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सारा नाटक आतिशी मार्लेना का लक्ष्य बनाकर किया है, क्योंकि वह शिक्षा के मामले में अहम योगदान दे रही हैं.

9 सलाहकारों की नियुक्ति रद्द
बता दें कि दिल्ली सरकार ने नौ सलाहकारों की नियुक्ति आज रद्द कर दी क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि ये पद मंजूर नहीं किये गये थे. दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक पत्र में कहा है कि जिन पदों पर नियुक्तियां हुई हैं, वह मंत्रियों और मुख्यमंत्री के स्टाफ के लिए नियुक्त होने वाले पदों की सूची में नहीं हैं.

जिन नौ सलाहकारों की नियुक्तियां रद्द की गई है, उनमें अमरदीप तिवारी (विधि मंत्री के मीडिया सलाहकार), अरुणोदय प्रकाश (उप मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार), राघव चड्ढा (वित्त मंत्री के मीडिया सलाहकार), आतिशी मार्लेना (उपमुख्यमंत्री की शिक्षा सलाहकार), प्रशांत सक्सेना और समीर मल्होत्रा शामिल हैं. 

1 रुपया वेतन लेती हैं आतिशी
मनीष सिसोदिया ने मीडिया को बताया कि प्रशांत सक्सेना और समीर मल्होत्रा काफी पहले ही अपने पदों से मुक्त हो चुके हैं. राघव चड्ढा को उन्होंने केवल ढाई महीने के लिए एक रुपये प्रति माह के वेतन पर बजट में सहयोग के लिए नियुक्त किया था. वह भी दो साल पहले पद मुक्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का निशाना केवल आतिशी मार्लेना हैं, क्योंकि आतिशी के आने से दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं. उन्होंने कहा कि आतिशी भी एक रुपये प्रति माह वेतन पर अपनी सेवाएं दे रही हैं.

दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था से घबराई केंद्र सरकार
उप मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा कि प्रधानमंत्री के सलाहकार देश में दंगा भड़काने, माहौल खराब करने की सलाह देते हैं, जबकि दिल्ली सरकार के सलाहकार बच्चियों को कैसे पढ़ाया जाए, इस बात की सलाह देते हैं. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का ढंका पूरे देश में बज रहा है. यह बात भला शिक्षा के कारोबारियों को कैसे हजम हो सकती है, इसलिए नए-नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. उन्होंने केंद्र को चुनौती दी कि बीजेपी शासित किसी भी प्रदेश में एक भी सरकारी स्कूल की तुलना दिल्ली के सरकारी स्कूल से नहीं की जा सकती.

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