ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामला: AAP के 21 विधायकों को चुनाव आयोग से मिला आखिरी अल्‍टीमेटम
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ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामला: AAP के 21 विधायकों को चुनाव आयोग से मिला आखिरी अल्‍टीमेटम

संसदीय सचिव बनाए जाने के मामले (ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामला) में फंसे आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को चुनाव आयोग ने अपने जवाब दाखिल करने के लिए गुरुवार को आखिरी मौका देते हुए अल्टीमेटम दे दिया है। गौर हो कि विधायकों ने चुनाव आयोग से जवाब देने के लिए 8 हफ्ते का समय मांगा , जिसे आयोग ने ठुकरा दिया है। जिसे लेकर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए विधायकों के 17 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करने को कहा है। ऐसा नहीं किए जाने पर आयोग बिना गौर किए कार्रवार्ई करने के लिए स्‍वतंत्र होगा। इसके अलावा आयोग यह भी मान लेगा कि विधायकों के पास जवाब देने के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसे में अब इन 21 विधायकों की सदस्‍यता पर तलवार लटक रही है।  

ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामला: AAP के 21 विधायकों को चुनाव आयोग से मिला आखिरी अल्‍टीमेटम

नई दिल्‍ली : संसदीय सचिव बनाए जाने के मामले (ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामला) में फंसे आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को चुनाव आयोग ने अपने जवाब दाखिल करने के लिए गुरुवार को आखिरी मौका देते हुए अल्टीमेटम दे दिया है। गौर हो कि विधायकों ने चुनाव आयोग से जवाब देने के लिए 8 हफ्ते का समय मांगा , जिसे आयोग ने ठुकरा दिया है। जिसे लेकर आयोग ने कड़ा रुख अपनाते हुए विधायकों के 17 अक्टूबर तक अपने जवाब दाखिल करने को कहा है। ऐसा नहीं किए जाने पर आयोग बिना गौर किए कार्रवार्ई करने के लिए स्‍वतंत्र होगा। इसके अलावा आयोग यह भी मान लेगा कि विधायकों के पास जवाब देने के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसे में अब इन 21 विधायकों की सदस्‍यता पर तलवार लटक रही है।  

संसदीय सचिवों के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने चुनाव आयोग में अपना जवाब नहीं दिया है। इसके लिए सात अक्टूबर तारीख निर्धारित की गई थी। अब चुनाव आयोग ने इस मामले में 17 अक्टूबर अंतिम तारीख निर्धारित की है। आयोग ने कहा है कि संसदीय सचिव बनाए जाने के मामले में 17 अक्‍टूबर तक जवाब दाखिल करें, अन्‍यथा जवाब न देने पर आयोग कार्रवाई के लिए स्‍वतंत्र है।

बता दें कि आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों पर पिछले साल से सदस्यता रद्द होने की तलवार लटकी हुई है। दिल्ली सरकार ने इन्हें संसदीय सचिव बनाया था। इस संदर्भ में याचिका दायर करते हुए कहा गया कि संसदीय सचिव का पद लाभ का पद है, ऐसे में इन विधायकों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। केंद्रीय चुनाव आयोग ने सभी विधायकों को आदेश दिया था कि वे अपना जवाब 17 अक्टूबर तक फाइल करें। याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट से भी 14 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया था। उन्हें 21 अक्टूबर तक की छूट दे दी गई है। इस बीच, विधायकों ने आयोग से शिकायत के साथ भेजे गए 2500 पेजों की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी मुहैया कराने की मांग की। आयोग ने साफ किया कि कॉपी दिल्ली सरकार को दे दी गई है।  

दूसरी ओर, हालांकि आप सरकार दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा संसदीय सचिवों को हटाने के लिए दिए गए फैसले को अपने पक्ष में मान रही है। सरकार का मानना है कि अब जब संसदीय सचिव ही नहीं हैं तो चुनाव आयोग किस बात पर निर्णय देगा। सरकार का मानना है कि हाई कोर्ट के आदेश का उन्हें चुनाव आयोग में पूरा लाभ मिलने की उम्मीद है।

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