आम आदमी पार्टी (आप) राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी गठबंधन यूपीए की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार को सपोर्ट करेगी. आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में गुरूवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद पार्टी के नेता संजय सिंह ने बताया कि आप के सांसद और विधायक राष्ट्रपति के लिए आगामी 17 जुलाई को होने वाले चुनाव में मीरा कुमार के पक्ष में मतदान करेंगे.
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नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी गठबंधन यूपीए की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार को सपोर्ट करेगी. आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में गुरूवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद पार्टी के नेता संजय सिंह ने बताया कि आप के सांसद और विधायक राष्ट्रपति के लिए आगामी 17 जुलाई को होने वाले चुनाव में मीरा कुमार के पक्ष में मतदान करेंगे.
'राष्ट्रपति का चुनाव दलगत राजनीति से ऊपर'
मीरा कुमार को समर्थन देने की वजह बताते हुए संजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव दलगत राजनीति से ऊपर होता है. इसलिये पार्टी का सैद्धांतिक तौर पर मानना है कि इन दोनों पदों के लिये चुनाव के बजाय सर्वानुमति से सत्तापक्ष और विपक्ष को तय करना चाहिए कि देश का राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति कौन होगा. इससे लोकतंत्र मजबूत होता है. सिंह ने कहा कि मौजूदा परिस्थतियों में विपक्ष की साझा उम्मीदवार को समर्थन देने की जरूरत को देखते हुए पार्टी ने यह फैसला किया है. साथ ही मीरा कुमार ने भी केजरीवाल को फोन कर पार्टी का समर्थन मांगा है.
'आज विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है'
उन्होंने कहा कि पीएसी ने इस बात को भी ध्यान में रखते हुए मीरा कुमार को समर्थन देने का फैसला किया है कि आज जिस तरह की देश में राजनीतिक परिस्थितियां बनी हैं उन्हें देखते हुए विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है इसलिए पार्टी का मानना है कि विपक्ष को एकजुट होकर उनका समर्थन करना चाहिए. राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में आप के चार सांसद और 85 विधायक मतदाता हैं. इनका कुल मतमूल्य 9000 है.
कांग्रेस ने बना ली थी आप से दूरी
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए ने आप से दूरी बना ली थी. हालांकि कांग्रेस की दलील है कि यूपीए का घटक दल नहीं होने के कारण आप को उम्मीदवार के चयन की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था.