अगले 48 घंटों में प्रदूषण कम नहीं हुआ तो ऑड-ईवन के लिए हम तैयार हैं: दिल्ली सरकार
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अगले 48 घंटों में प्रदूषण कम नहीं हुआ तो ऑड-ईवन के लिए हम तैयार हैं: दिल्ली सरकार

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि अगर यह व्यवस्था लागू होती है तो इससे दोपहिया वाहनों को छूट दी जाएगी.

बुधवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली पर धुंध छाई रही.  (फोटो साभार - IANS)

नई दिल्ली: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कहा कि अगर अगले 48 घंटे में वायु प्रदूषण का स्तर अत्यंत गंभीर श्रेणी में बना रहता है तो दिल्ली सरकार सम-विषम योजना को लागू करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि अगर यह व्यवस्था लागू होती है तो इससे दोपहिया वाहनों को छूट दी जाएगी. सूत्रों ने बताया कि सम-विषम योजना को लागू करने या नहीं करने पर कल यानी फैसला गुरुवार को लिया जायेगा. 

  1. अगर व्यवस्था लागू होती है तो दोपहिया वाहनों को छूट दी जाएगी
  2. सम-विषम योजना को लागू करने या नहीं करने पर फैसला कल
  3. लगभग पांच हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया जायेगा

गहलोत ने बताया कि उन्होंने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को अल्पकालिक आधार पर 500 बसों को किराए पर लेने के निर्देश दिए थे और दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को ऑड-ईवन योजना की शुरुआत होने पर भीड़ को संभालने के लिए 300 बसें खरीदने के लिए कहा है.

‘आप’ सरकार ने आईजीएल से सीएनजी संचालित वाहनों के लिए 1.5 लाख स्टीकर तैयार करने के लिए कहा है जिन्हें सम-विषय योजना के दौरान छूट भी दी जायेगी. गहलोत ने परिवहन विभाग, डीएमआरसी, डीटीसी, दिल्ली इंटीग्रेटिड मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की. 

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उन्होंने कहा, ‘‘यदि अगले 48 घंटों में प्रदूषण का स्तर अत्यंत गंभीर स्तर पर बना रहता है तो दिल्ली सरकार सम-विषय योजना शुरू करने के लिए तैयार है.’’ मंत्री ने कहा, ‘‘डीटीसी को सार्वजनिक परिवहन की सुविधा के लिए 500 बसों को मार्च तक किराये पर लेने के लिए अल्पकालिक निविदा निकालने के आदेश दिये गये है. दिल्ली मेट्रो से सम विषम योजना शुरू होने पर भीड़ को संभालने के लिए 10-15 दिनों के लिए 300 बसों को किराये पर लेने के लिए कहा गया है.’’ 

गहलोत ने कहा कि सम-विषम योजना के पिछले दो चरणों की तरह दोपहिया वाहनों को इससे छूट दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन इस बार छूट दी जाने वाली श्रेणियों की संख्या बहुत सीमित रहेगी. लगभग पांच हजार स्वयंसेवियों को वाहनों का प्रबंधन करने के लिए तैनात किया जायेगा. यदि सम विषय योजना शुरू की जाती है तो योजना को लागू कराने के लिए लगभग 400 पूर्व सैन्यकर्मियों की सेवाएं ली जायेंगी.’’ 

यह योजना पंजीकरण संख्या के अंतिम अंक पर आधारित होती है. इस योजना को वर्ष 2016 में दो बार एक जनवरी से 15 जनवरी और 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू किया गया था. योजना के तहत सम-विषम संख्या वाले वाहनों का संचालन वैकल्पिक दिनों पर हुआ था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 अंकों के स्तर में 487 तक पहुंच गया. यह इस बात का संकेत है कि प्रदूषण की स्थिति ‘गंभीर’ है जो सेहतमंद लोगों को भी प्रभावित कर सकती है तथा बीमार लोगों पर ‘गंभीर प्रभाव’ डाल सकती है.

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