दिल्ली में कचरा प्रबंधन पर गठित समिति को काम को गंभीरता से लेना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
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दिल्ली में कचरा प्रबंधन पर गठित समिति को काम को गंभीरता से लेना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा कि इस समस्या की गंभीरता को समझने के लिए इस समिति की पहले पखवाड़े में सप्ताह के सभी पांच दिन ‘पर्याप्त घंटे’ बैठक होगी.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन के मसले से निबटने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति को इस मामले को गंभीरता और ‘समर्पित भाव' से लेना चाहिए ताकि यह दूसरे महानगरों की सफाई के लिये एक उदाहरण बन सके. 

न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि इस समस्या की गंभीरता को समझने के लिए इस समिति की पहले पखवाड़े में सप्ताह के सभी पांच दिन ‘पर्याप्त घंटे’ बैठक होगी.

दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के प्रमुख की अध्यक्षता वाली यह समिति की बैठक चार सितंबर से शुरू होंगी.

पीठ ने कहा,‘हम उम्मीद करते हैं कि समिति इस मामले को गंभीरता और समर्पित भाव से लेगी ताकि यह दिल्ली जैसे दूसरे महानगरों में सफाई के लिये एक उदाहरण बन सके.’ पीठ ने समिति से कहा कि वह काम की शर्तों को पूरा करने के मकसद से पूरे सौहार्द के साथ अपना काम करे. पीठ इस मामले में अब 19 सितंबर को आगे विचार करेगी.

पीठ ने कहा कि समिति अपने काम की शर्तो के अनुसार अपनी रिपोर्ट हो सके तो तीन महीने के भीतर पेश करे. यह समिति गाजीपुर, भलस्वा और ओखला स्थित लैंडफिल स्थलों की सफाई तथा काम करने तथा लागू करने योग्य नीति सहित दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन के सभी पहलुओं पर काम करेगी. पीठ ने 17 अगस्त को उपराज्यपाल से कहा था कि वह ठोस कचरा प्रबंधन के सभी पहलुओं पर गहराई से विचार करने के लिये एक समिति गठन करें.

(इनपुट - भाषा)

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