केजरीवाल को सैंडल पहना देख उद्योगपति हुआ 'दुखी', जूते खरीदने के लिए भेजे 364 रुपए
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केजरीवाल को सैंडल पहना देख उद्योगपति हुआ 'दुखी', जूते खरीदने के लिए भेजे 364 रुपए

विशाखापत्तनम के इंजीनियर-सह-उद्योगपति ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को फॉर्मल जूतों की जोड़ी खरीदने के लिए 364 रुपए भेजे हैं।

केजरीवाल को सैंडल पहना देख उद्योगपति हुआ 'दुखी', जूते खरीदने के लिए भेजे 364 रुपए

नई दिल्ली : विशाखापत्तनम के इंजीनियर-सह-उद्योगपति ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को फॉर्मल जूतों की जोड़ी खरीदने के लिए 364 रुपए भेजे हैं।

उद्योगपति सुमित अग्रवाल का कहना है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित राजकीय भोज के दौरान तय वेश-भूषा के स्थान पर केजरीवाल को सैंडल पहने देख उन्हें ‘बहुत दुख’ पहुंचा था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री 26 जनवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद के सम्मान में आयोजित भोज के दौरान सैंडल पहने दिखे थे। अग्रवाल ने स्पीड पोस्ट से शनिवार को केजरीवाल को 364 रुपए का डिमांड ड्राफ (डीडी) भेजा और कहा कि उसने आप नेता के नक्शे कदम पर चलते हुए सड़क पर खड़े होकर लोगों से मांगकर यह धन जमा किया है।

केजरीवाल को भेजे गए एक खुले पत्र में अग्रवाल ने कहा, ‘आपको ऐसे देखकर मेरा दिल टूट गया। मैं बहुत दुखी हूं।’ उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढ़ांचे और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कुछ मानक चलते आए हैं तथा सभी को उनका सम्मान करना चाहिए।

केजरीवाल की कटु आलोचना करते हुए इस उद्योगपति ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री उस दिन राष्ट्रपति भवन में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, वह रामलीला मैदान या जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी की रैली में धरना नहीं दे रहे थे। अग्रवाल ने कहा, ‘आप समझदार व्यक्ति हैं। कृपया स्थिति और मौके के अनुरूप व्यवहार करें।’ केजरीवाल के कार्यालस ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

उद्योगपति सुमित अग्रवाल ने पत्र में लिखा है, ‘पहले मैंने अपनी जेब से कुछ धन देने का फैसला लिया था। लेकिन, चूंकि मैं किसी भी राजनीतिक दल को चंदा देने के विरूद्ध हूं, इसलिए इसके खिलाफ फैसला लेते हुए आपके नक्शे कदम पर चला। आपके जूतों के लिए धन जुटाने हेतु मैं सड़क पर उतरा।’ उसने लिखा है, ‘महाशय, मैं जनता हूं कि यह बहुत छोटी राशि है, लेकिन यह एक रविवार के पूरे दोपहर की गयी मेहनत का नतीजा है। मैंने 49 रुपए के दान के साथ पैसे जमा करना शुरू किया था।’

उसने आगे लिखा है, ‘हालांकि मुख्यमंत्री के लिए इतनी छोटी रकम पर्याप्त नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि ‘महज’ 2,10,000 रुपए का मासिक वेतन पाने वाला जो अपने पास जूते नहीं होने का दावा करता है, उसके लिए इतना धन काफी है।’

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