प्रक्रिया संबंधी खामियों की वजह से दिल्ली में सलाहकारों को हटाया गया: गृह मंत्रालय
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प्रक्रिया संबंधी खामियों की वजह से दिल्ली में सलाहकारों को हटाया गया: गृह मंत्रालय

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ सलाहकारों की नियुक्तियों का मामला कुछ महीने पहले गृह मंत्रालय को भेजा था और इस मुद्दे पर उससे दिशा-निर्देश मांगा था. 

(फाइल फोटो - पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों के नौ सलाहकारों की नियुक्तियां रद्द की गईं क्योंकि कानूनी राय से यह पता चला कि इनको नियुक्त किए जाने में उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि नियुक्त करने की प्रक्रिया में ‘ खामियां ’ भी थीं. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ सलाहकारों की नियुक्तियों का मामला कुछ महीने पहले गृह मंत्रालय को भेजा था और इस मुद्दे पर उससे दिशा-निर्देश मांगा था. 

क्या कहना है गृह मंत्रालय का?
एक अधिकारी ने कहा , ‘‘ उपराज्यपाल की ओर से मामला भेजे जाने के बाद गृह मंत्रालय ने कानूनी राय मांगी थी. इससे पता चला कि उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया और इन सलाहकारों की नियुक्तियां करते समय चूक हुई . ’’ उन्होंने कहा कि इसके बाद नियुक्तियों को रद्द करने का निर्देश दिया गया. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पद का सृजन किये बिना ही नौ सलाहकारों की नियुक्ति कर दी. 

जिन सलाहकारों की नियुक्ति रद्द की गई है उनमें आतिशी मार्लेना ( उप - मुख्यमंत्री की सलाहकार ), राघव चड्ढा ( वित्त मंत्री के सलाहकार ), अरुणोदय प्रकाश ( उप - मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार), अमरदीप तिवारी ( कानून मंत्री के मीडिया सलाहकार ) और अन्य शामिल हैं. इस कदम के बाद सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार के सलाहकारों को हटाने का मोदी सरकार का आदेश दिल्ली में शिक्षा क्रांति को पटरी से उतारने की साजिश है. 

राघव चड्ढा ने भेजा गृहमंत्रालय को 2.50 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट
वहीं दिल्ली सरकार में 9 सलाहकारों की नियुक्ति रद्द किए जाने के एक दिन बाद आप नेता राघव चड्डा ने अपने 75 दिनों की अपनी सेलरी गृहमंत्रालय को वापस लौटा दी. राघव चड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मेरी सेवा 31 मार्च 2016 को ही समाप्त हो गई थी. मैंने ढाई महीने तक 1 रूपये प्रति महीने के दर से दिल्ली सरकार को अपनी सेवा दी थी लेकिन इतने साल बाद उन्होंने अब मेरी नियुक्ति रद्द कर दी है. इसलिए सरकार से कमाए ढाई रूपए मैं सरकार को लौटा रहा हूं.' 

इस दौरान पार्टी प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा कि मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार के जनहित के कार्यों को ठप करने के लिए राजनीतिक द्वेष के कारण सलाहकारों की नियुक्ति रद्द करने के लिये यह फैसला किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता भाजपा की इस साजिश से वाकिफ है और उचित समय पर इसका जवाब भी देगी.

(इनपुट - भाषा)

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