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नई दिल्ली : सार्वजनिक वाहनों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार ने शहर की बसों में 2500 मार्शलों को तैनात करने का फैसला किया है।
सरकार फिलहाल होमगार्ड और सिविल डिफेंस के जवानों को मार्शलों के रूप में प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है ताकि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और नारंगी रंग की क्लस्टर बसों में अपराध, विशेषकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोका जा सके और कम किया जा सके।
परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा, हमारी योजना के मुताबिक, पहले चरण के तहत सिविल डिफेंस और होम गार्ड के 2500 जवानों को मार्शलों के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। वे समूहों के रूप में बसों में गश्त करेंगे। हर समूह में तीन-चार मार्शल होंगे। ये जल्द ही बसों में गश्त शुरू करेंगे। सरकार के अनुसार, मार्शलों को वॉकी-टॉकी दिए जाएंगे ताकि वे एक-दूसरे के साथ संपर्क कर सकें।
राय ने कहा, इन मार्शलों को समूहों के रूप में तैनात करने के पीछे का विचार यह है कि ये लोग बसों में अपराध से पूरी तरह निपट सकते हैं और उन पर रोक लगा सकते हैं। यदि बसों में एक मार्शल को तैनात किया जाता है तो वह शायद अपराध में संलिप्त दो या तीन लोगों को रोक न पाए। इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने मार्शलों को समूह बनाकर बसों में तैनात करने का फैसला किया है। उन्हें सरकार की ओर से वॉकी-टॉकी भी दिए जाएंगे। सरकार की योजना सभी डीटीसी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी है। अब तक पहले चरण के तहत डीटीसी की 200 बसों में सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं।
मंत्री ने कहा, सरकार सीसीटीवी कैमरे भी चरणबद्ध तरीके से लगाएगी। हम अब इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। अपने चुनाव पूर्व घोषणापत्र में आम आदमी पार्टी ने 10 हजार की संख्या वाले होमगार्ड का महिला सुरक्षा बल बनाने का वादा किया था।