Zee जानकारी: क्या आपको पता है 30 वर्ष बाद दिल्ली में कुड़े की सुनामी आने वाली है?
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Zee जानकारी: क्या आपको पता है 30 वर्ष बाद दिल्ली में कुड़े की सुनामी आने वाली है?

Zee जानकारी: क्या आपको पता है 30 वर्ष बाद दिल्ली में कुड़े की सुनामी आने वाली है?

अप्रैल 2016 में सरकार ने Solid Waste Management से जुड़े नियमों में बदलाव किए थे। इससे पहले इन नियमों का Revision सन 2000 में हुआ था. नए नियमों के मुताबिक ये हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वो अपने घर से Non Bio-Degradable Waste, Bio-Degradable Waste और Hazardous Waste यानी खतरनाक कूड़े को अलग अलग जमा करेगा. और कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों को भी इसे अलग अलग करके ही सौंपेगा. 

आपको बता दें कि Non Bio-Degradable Waste में  प्लास्टिक की बोतलें और पॉलीथीन जैसी चीज़ें शामिल है. जबकि Bio-Degradable waste में बचे हुए फल, सब्ज़ियां और बचा हुआ भोजन आता है. इसी तरह  Hazardous waste वो कूड़ा होता है जिसमें केमिकल और ज्वलनशील पदार्थ होते हैं. Waste Management Rules 2016 के मुताबिक Events Organize करने वाली कंपनियों की भी ये ज़िम्मेदारी है कि वो कूड़े को अलग-अलग जमा करे और संबंधित एजेंसियों को सौंपे.

इसी तरह सड़क के किनारे खाने-पीने की दुकान लगाने वालों और Hotel और Restaurants का संचालन करने वालों की भी ये ज़िम्मेदारी है कि वो कचरे को अलग अलग करने की व्यवस्था करे. नए नियमों के मुताबिक Diapers और Sanitary Napkins बनाने वाली कंपनियों को अपने Products के पैकेट में ही ऐसे Extra Bags देने होंगे जिनमें इन्हें इस्तेमाल के बाद जमा किया जाएगा.

पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2030 तक भारत में प्रतिवर्ष पैदा होने वाले कूड़े की मात्रा ढाई गुना बढ़कर 16 करोड़ टन हो जाएगी. जबकि वर्ष 2050 तक  भारत में आज के मुकाबले 7 गुना ज्यादा कूड़ा होगा और इस कूड़े की मात्रा होगी 44 करोड़ टन. यहां हम आपको एक और जानकारी देना चाहते हैं. आपके घरों से जो कूड़ा निकलता है उसे तीन तरीकों से Manage किया जाता है. पहला तरीका है कूड़े से खाद बनाना. दूसरे तरीका है उसे Recycle करना जैसे प्लास्टिक को recycle करके फिर से इस्तेमाल करने लायक बनाया जाता है. जबकि तीसरे तरीके के तहत कूड़े को ऊर्जा में बदला जाता है और उससे बिजली बनाई जाती है. पर्यावरण मंत्रालय की वर्ष 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सिर्फ 553 compost plant हैं और 56 bio methanation plants हैं. जबकि 22 Plants ऐसे हैं जहां कूड़े से ईंधन निकाला जाता है। और सिर्फ 13 Plant ऐसे हैं जहां कूड़े से बिजली बनाई जाती है.

पृथ्वी के करीब से गुजरा Asteroid
ये Asteroid वर्ष 2014 में खोजा गया था और कुछ वैज्ञानिकों ने इसका नाम The Rock रखा था. गुरुवार की सुबह ये Asteroid पृथ्वी से लगभग 18 लाख किलोमीटर की दूरी से गुज़र गया. ये दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी की लगभग पांच गुनी है. पिछली बार ये Asteroid, लगभग 400 साल पहले पृथ्वी के करीब से गुज़रा था. और अगली बार ये Asteroid, पृथ्वी के इतने करीब से 2600 वर्ष के बाद ही गुज़रेगा.

यहां आपको ये भी बता दें कि पृथ्वी के विनाश से जुड़ी जितनी भी Theories हैं. उनमे सबसे ज्यादा आशंकाएं Asteroids को लेकर ही जताई जाती है. अगर JO 25 के आकार वाला कोई Asteroid टकरा जाए तो पृथ्वी से इंसानों का नामो निशान मिट सकता हैॉ. अगर ये किसी महासागर से टकराएगा तो समुद्र किनारे बसे हज़ारों शहर सुनामी में बह जाएंगे.

हालांकि पृथ्वी से किसी Asteroid के टकराने की घटना लाखों वर्षों में एक बार होती है. लेकिन अभी तक हमारे पास ऐसी तकनीक नहीं है कि हम इतने बड़े Asteroid को पृथ्वी से टकराने से रोक सके. वैज्ञानिकों के मुताबिक आज से करीब 450 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी से एक बहुत बड़ा Asteroid टकराया था. वैज्ञानिक मानते हैं कि चांद का जन्म इसी टक्कर के बाद हुआ था. कई वैज्ञानिक मानते हैं कि साढ़े 6 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी से एक बहुत बड़े आकार का Asteroid टकराया था. और इस टक्कर के बाद ही धरती से Dinosaurs विलुप्त हो गए थे.

मौसम में बदलाव की वजह से Glacier तेजी से पिघलने लगी
कनाडा में कैस्का-वल्श Glacier से निकलने वाली 150 मीटर चौड़ी Slims नदी 300 वर्षों से बह रही थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम में बदलाव की वजह से Glacier की बर्फ तेज़ी से पिघलने लगी. तेजी से बर्फ पिघलने की वजह से Slims नदी में पानी का बहाव तेज हो गया और उसने अपनी दिशा बदल ली और फिर दिशा बदलने की वजह से नदी का पुराना रास्ता लगभग सूख गया. इसी के साथ Slims नदी कैस्का-वल्श Glacier से ही निकलने वाली दूसरी नदी Alsek में मिल गई और Alsek नदी का बहाव 60 से 70 गुना ज्यादा हो गया. वैज्ञानिकों के मुताबिक नदी की चोरी की ये घटना पिछले वर्ष 26 मई से 29 मई के बीच हुई थी. Nature University of Washington के मुताबिक पिछले 18 हजार वर्षों में ये अपनी तरह की पहली घटना है.

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