दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की उस रिपोर्ट पर असंतोष जताया जिसमें कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है.
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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र की उस रिपोर्ट पर असंतोष जताया जिसमें कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. अदालत ने केंद्र की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिरी बार अस्पतालों में आखिर कब भर्ती की गई थी. साथ ही उन्होंने पद भर्ती को लेकर अन्य जानकारी भी मांगी है.
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने केंद्र से यह सूचित करने को कहा कि कब से चिकित्सकों के पद खाली हैं. अदालत ने ये सवाल तब उठाए जब वह केंद्र की रिपोर्ट से असंतुष्ट हुई. केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अस्पतालों में पिछले पांच वर्षों में चिकित्सकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. अदालत ने इस बीच सरकार के अनुबंध आधार पर चिकित्सकों की भर्ती किए जाने पर नाखुशी जताई.
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अदालत ने इन अस्तपालों के निर्माण या भारत सरकार से सरकारी अस्पतालों में मरीज और डॉक्टर्स की संख्या के अनुपात में बढ़ोतरी के साथ मरीज और अन्य कर्मियों की संख्या में बदलाव या की गई बढ़ोतरी के बारे में भी जानना चाहा है.
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अदालत ने कहा, 'जो मुद्दा हमारे पास विचाराधीन है उसके संबंध में कोई भी राय बनाने के लिए यह सूचना हमारे लिए महत्वपूर्ण है.'