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नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 अप्रैल को होने वाले दिल्ली नगर निगम चुनावों में पेपर ट्रेल वोटिंग मशीन के इस्तेमाल की मांग से जुड़ी आम आदमी पार्टी की याचिका खारिज कर दी. अदालत ने कहा कि वह आखिरी समय पर ऐसा कोई आदेश जारी नहीं कर सकती.
Delhi HC rejects plea seeking direction to state ECs and ECI to use only second generation EVMs with VVPAT in upcoming civic poll in Delhi
— ANI (@ANI_news) April 21, 2017
न्यायमूर्ति ए के पाठक ने कहा कि वीवीपीएटी :वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल: युक्त दूसरी और तीसरी पीढ़ी की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के इस्तेमाल का आदेश अंतिम समय पर नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने जैसा होगा. आम आदमी पार्टी और एमसीडी चुनावों में एक उम्मीदवार मोहम्मद ताहिर हुसैन ने इस बारे में याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि इस्तेमाल होने वाली ईवीएम पुरानी हैं और इनसे छेड़छाड़ हो सकती है.
क्या होती है वीवीपीएटी मशीन
वीवीपीएटी यानि वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन वो मशीन होती है जो मतदाता को वह पर्ची देती है, जिसमें उसके द्वारा वोट दी गई पार्टी का चुनाव चिह्न अंकित होता है. यह स्लिप कुछ देर बाद अपने आप ही एक सील्ड बॉक्स में गिर जाती है.
क्या हुआ बहस के दौरान
इस याचिका को खारिज करने से पहले बहस के दौरान अदालत ने दिल्ली के स्टेट इलेक्शन कमिशन से पूछा कि सुब्रह्मण्यन स्वामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मद्देनजर वीवीपीएटी ईवीएम का चुनाव क्यों नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि ऐसी मशीनें खरीदी जानी चाहिए. बहस में दिल्ली चुनाव आयोग ने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा MCD इलेक्शन में EVM की विश्वसनीयता पर इस तरह से सवाल उठाए जाने से जनता को गलत संदेश जाएगा.