किशोरों ने पार की हैवानियत की हद, पहले किया कुकर्म, शिकायत करने पर गुप्तांग में डाल दी रॉड
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किशोरों ने पार की हैवानियत की हद, पहले किया कुकर्म, शिकायत करने पर गुप्तांग में डाल दी रॉड

मां ने आरोप लगाया कि नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया गया और उनके गुप्तांग में लोहे की रॉड डालने से उसके गंभीर चोटें आई हैं. 

.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नाबालिग से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने तथा उसके गुप्तांग में लोहे की रॉड डालकर हत्या का प्रयास करने के मामले में दो किशोरों को छह महीने के लिए सुधार गृह भेज दिया. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) और एक निचली अदालत के फैसलों में कोई खामी नहीं है. न्यायाधीश ने दोनों किशोरों को उचित पुनर्वास के लिए छह महीने सुधार गृह भेजने की सजा को चुनौती वाली उनकी याचिका खारिज कर दी. अभियोजन के अनुसार, 15 साल के पीड़ित को दो किशोर आरोपियों के पिता ने एक बेकरी में काम पर रखा था. 

अक्टूबर 2014 में, एक किशोर ने पीड़ित के साथ कथित रूप से अप्राकृतिक संबंध बनाए और जब उसने आरोपी के भाइयों से शिकायत की तो उन्होंने उसके गुप्तागों में लोहे की रॉड डाली बल्कि उसकी हत्या करने की धमकी भी दी. पीड़ित ने पहले तो किसी को इस घटना के बारे में नहीं बताया और जब उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया तो दावा किया गया कि यह हादसा था.

डॉक्टर ने पुलिस को फोन करके कहा कि इसमें कुछ गड़बड़ है. पीड़ित की यहां एक सरकारी अस्पताल में सर्जरी कराई गई और घटना के 58 दिन बाद, उसकी मां ने पुलिस में शिकायत दे कर आरोप लगाया कि नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया गया और उनके गुप्तांग में लोहे की रॉड डालने से उसके गंभीर चोटें आई हैं.

जेजेबी ने एक आरोपी को अप्राकृतिक यौन संबंध तथा दूसरे को हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया. वयस्क आरोपी के खिलाफ यहां एक अदालत में सुनवाई चल रही है. 

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