नोटबंदी पर संसद में हंगामा जारी, विपक्ष ने सरकार पर तेज किया हमला
Advertisement

नोटबंदी पर संसद में हंगामा जारी, विपक्ष ने सरकार पर तेज किया हमला

नोटबंदी को लेकर विपक्ष का हमलावर रुख जारी है और मंगलवार को भी संसद में इस मसले को लेकर हंगामा हुआ। संसद में आज भी नोटबंदी पर गतिरोध जारी है। सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटा विपक्ष संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले आज भी बैठक के बाद आगे की रणनीति तय किया। वहीं, नोटबंदी पर विपक्ष को जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल के साथ बैठक की। नोटबंदी पर विपक्ष के विरोध के मद्देनजर वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने पीएम मोदी से मुलाकात की।

नोटबंदी पर संसद में हंगामा जारी, विपक्ष ने सरकार पर तेज किया हमला

नई दिल्‍ली : नोटबंदी को लेकर विपक्ष का हमलावर रुख जारी है और मंगलवार को भी संसद में इस मसले को लेकर हंगामा हुआ। संसद में आज भी नोटबंदी पर गतिरोध जारी है। सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटा विपक्ष संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले आज भी बैठक के बाद आगे की रणनीति तय किया। वहीं, नोटबंदी पर विपक्ष को जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संसदीय दल के साथ बैठक की। नोटबंदी पर विपक्ष के विरोध के मद्देनजर वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने पीएम मोदी से मुलाकात की। जानकारी के अनुसार, नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है। विपक्षी सांसद बुधवार को संसद के बाहर करेंगे धरना। विपक्ष देशव्यापी बंद बुलाने की तैयारी में भी है।

नोटबंदी के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने आज लोकसभा और राज्‍यसभा में भारी हंगामा किया। हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही आज कई बार स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में विपक्ष का भारी हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब 12 बजकर 15 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में लगातार दूसरे दिन विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया और सदन का कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग की। हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही करीब 11 बजकर 20 मिनट पर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सरकार का कहना है कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं।

इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक सदस्यों को भी अपने स्थान से बाहर आकर खड़े देखा गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर आप गरीबों, आम लोगों की परेशानियों को उठाना चाहते हैं तो चर्चा करें।

अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही चलायी। इस दौरान कुछ प्रश्न लिये गए और संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिये। इस दौरान विपक्षी सदस्य हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाजी करते रहे। कुछ सदस्य जवाब दे रहे मंत्री के सामने आ कर नारेबाजी करने लगे। आज जब कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू अपने मंत्रालय से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे तब आसन के समीप शोर शराबा करते कुछ सदस्य उनके सामने आए गए। अध्यक्ष ने उनसे मंत्री के सामने नहीं आने को कहा। लेकिन सदस्य मंत्री के समक्ष नारेबाजी करते रहे। इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि आप टीवी पर आना चाहते हैं। तो जरूर आइए। मैं लोक सभा टीवी से आग्रह करती हूं कि वो इन्हें दिखाये। आप इधर आ जाएइ, आपको टीवी पर जरूर दिखायेंगे। उन्होंने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है। आप लोगों की परेशानी को उठाना चाहते हैं तो चर्चा करें, इस तरह से शोर शराबा करना ठीक नहीं है। लोगों की तकलीफ रखने का यह तरीका ठीक नहीं है। अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप वास्तव में जनप्रतिनिधि हैं तो इस प्रकार हंगामा करना उचित नहीं है।

अध्यक्ष ने सदस्यों से फिर से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया। पर इसका कोई असर नहीं हुआ। हंगामा बढ़ता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट पर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया और कार्यस्थगित करके तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग की। प्रश्नकाल में एक सवाल का जवाब देने के क्रम में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि आप किसानों की बात करते हैं तो आप सवाल पूछें और मेरा उत्तर सुनें। कल संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। भारत सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। पूरी जनता मोदी सरकार के इस निर्णय के साथ है। हम चर्चा को तैयार हैं।

दूसरी ओर, राज्‍यसभा में मंगलवार को नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने तथा इस फैसले से उत्पन्न हालात के चलते देश भर में जान गंवाने वाले 70 से अधिक लोगों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग करते हुए हंगामा किया जिसके कारण राज्यसभा की बैठक आज एक बार के स्थगन के बाद ग्यारह बज कर करीब 35 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के कारण उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया। बैठक शुरू होने पर उप सभापति पी जे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके तत्काल बाद जदयू के शरद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भले ही नोटबंदी का फैसला देश के हित में लिया है लेकिन नोटबंदी के कारण उत्पन्न हालात के चलते देश भर में 70 से अधिक लोगों की जान चली गई है। सरकार की ओर से इन लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए।

बसपा की मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री के फैसले से देश में आर्थिक आपातकाल की स्थिति बन गई है। देश की 90 फीसदी जनता बैंकों के आगे कतार में है। इन लोगों की तकलीफ देखना चाहिए और नोटबंदी के कारण उत्पन्न हालात के चलते अपनी जान गंवाने वाले 70 से अधिक लोगों के परिजन को मुआवजा दिया जाना चाहिए। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आ कर हमारी बात तो सुनना चाहिए। चर्चा से पहले उन्हें सदन में बुलाया जाना चाहिए। इसी बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आसन को तत्काल नोटबंदी पर जारी चर्चा को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से यह भी कहा कि आपको हमारा पक्ष पहले सुनना होगा और फिर आप अपनी बात रखें। यह नहीं होना चाहिए कि आप अपनी बात कहें और हमारी बात सुने बिना सदन से चले जाएं।

सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन प्रधानमंत्री सदन में जब आएंगे, चर्चा तब ही होगी। माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आ कर हमारा पक्ष सुनना चाहिए और चर्चा का जवाब देना चाहिए क्योंकि नोटबंदी का फैसला उनका ही है। नकवी ने विपक्षी सदस्यों पर बहाने करने और हर दिन नयी कहानी गढ़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि आप चर्चा चाहते ही नहीं। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के सदस्य प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर ‘आर्थिक आपातकाल’ लिखा हुआ था। उनकी मांग का समर्थन करते हुए कांग्रेस और बसपा सदस्य भी आसन के सामने आ गए जबकि जदयू, सपा, वाम दलों के सदस्यों ने अपने स्थानों से ही प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग की। द्रमुक और अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े रहे।

नकवी ने कहा कि यह सदस्य चाहते हैं कि नोटबंदी पर जो चर्चा शुरू की गई है उसे आगे बढ़ाया जाए। जो सदस्य बोलना चाहते हैं उन्हें मौका दिया जाए और जो नहीं बोलना चाहते उनके नाम निकाल दिए जाएं। हमारी शिकायत कुछ नहीं है। 16 नवंबर को संसद सत्र शुरू होने पर इस सदन में विपक्ष की मांग पर ही चर्चा शुरू हुई थी। विपक्ष के पास न तर्क है न तथ्य है। इसीलिए वह सदन नहीं चलने दे रहा है। आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री बाहर बोलते हैं पर सदन में नहीं आते। उनके फैसले से उत्पन्न हालात की वजह से 70 से अधिक लोगों की जान गई है। विपक्ष चर्चा चाहता है लेकिन प्रधानमंत्री सदन में नहीं हैं। वह आएं तो हम तत्काल चर्चा शुरू कर देंगे। हम चाहते हैं कि वह हमारी बात सुनें। वह लोगों की तकलीफ क्यों नहीं सुनना चाहते। इस पर कुरियन ने कहा कि यह मुद्दा वित्त मंत्रालय से संबंधित है। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान सदस्य प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग उठा सकते हैं। इस पर विपक्षी सदस्यों ने ‘नहीं’ कहा। तब कुरियन ने कहा कि फिर मैं क्या कर सकता हूं। मैं प्रधानमंत्री को कैसे बुलाउंगा। उनके यह कहने पर तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और बसपा सदस्य आसन के सामने आ कर प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे जबकि जदयू, सपा, वाम दलों के सदस्यों ने अपने स्थानों से ही प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग दोहराई। द्रमुक और अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े रहे।

Trending news