रेप कल्चर पर ट्वीट किया तो J&K के IAS ऑफिसर को मिला बॉस का 'लव लेटर'
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रेप कल्चर पर ट्वीट किया तो J&K के IAS ऑफिसर को मिला बॉस का 'लव लेटर'

जम्मू और कश्मीर के एक आईएएस अधिकारी ने रेप की बढ़ती घटनाओं के विरोध में एक मजाकिया ट्वीट किया तो उनके ट्वीट को आपत्तिजनक मानकर विभागीय जांच शुरू कर दी गई.

 

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर में 2010 बैच के एक आईएएस ऑफिसर शाह फैसल को एक ट्वीट करना इतना भारी पड़ा कि उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई. उन्होंने 22 अप्रैल को एक ट्वीट किया, 'पितृसत्ता + जनसंख्या + निरक्षरता + शराब + पोर्न + टेक्नालॉजी + अराजकता = रैपिस्तान!' इस ट्वीट ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. फैसल जम्मू-कश्मीर राज्य बिजली विकास निगम कारपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं और उन्होंने सिविल सर्विस एक्जाम में टॉप किया था. ऐसा करने वाले वो एक मात्र कश्मीरी हैं. वो फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार की सेवाओं से छुट्टी पर हैं और फुलब्राइट स्कॉलरशिप लेकर अमेरिका गए हुए हैं.

  1. शाह फैसल J&K में 2010 बैच के आईएएस ऑफीसर हैं.
  2. शाह फैसल फुलब्राइट स्कॉलरशिप लेकर अमेरिका गए हुए हैं.
  3. उन्होंने सर्विस रूल पर सवाल उठाते हुए उसमें बदलाव की मांग की है.

इस ट्वीट के बाद उन्होंने मंगलवार को एक और ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्हें ईमेल से मिला एक लेटर भी पोस्ट किया गया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'दक्षिण एशिया में रेप-कल्चर के खिलाफ मेरे मजाकिया ट्वीट पर मेरे बॉस का लव लेटर. यहां विडंबना ये है कि लोकतांत्रिक भारत में उपनिवेशवादी भावना से प्रेरित ऐसा सर्विस रूल है जो विचार की स्वतंत्रता को कुचल देता है. मैं नियमों में बदलाव की जरूरत पर बल देने के लिए इसे शेयर कर रहा हूं.'

उन्होंने जो पत्र पोस्ट किया उसमें लिखा है, 'आपके द्वारा दिए गए कई रिफरेंस पहली नजर में अखिल भारतीय सेवा नियमों के प्रावधानों का उल्लंधन हैं.' पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि फैसल के ट्वीट की जांच की जाए. उन पर आरोप है कि वो कथित रूप से वो अपनी आधिकारिक ड्यूटी को निभाने में पूर्ण ईमानदारी और सत्यनिष्ठा बनाए रखने में विफल रहे हैं. 

समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए फैसल ने कहा, 'ये कुछ और नहीं बस नौकरशाही का अति-उत्साह है... मैं नहीं सोचता कि इस पर किसी कार्रवाई की जरूरत है. बलात्कार सरकारी नीतियों का हिस्सा नहीं है, इसलिए बलात्कार की आलोचना का मतलब सरकार की नीतियों की आलोचना नहीं है.'

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