ओबामा के सम्मान में प्रणब ने दिया भोज, कहा- आतंकवाद से मिलकर लड़े भारत-अमेरिका
Advertisement

ओबामा के सम्मान में प्रणब ने दिया भोज, कहा- आतंकवाद से मिलकर लड़े भारत-अमेरिका

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत की यात्रा पर आए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के इस विचार को साझा करते हुए कि किसी देश को आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया नहीं करानी चाहिए, कहा कि भारत और अमेरिका को मिल कर आतंकवाद से लड़ना चाहिए क्योंकि कोई भी देश इससे सुरक्षित नहीं है।

ओबामा के सम्मान में प्रणब ने दिया भोज, कहा- आतंकवाद से मिलकर लड़े भारत-अमेरिका

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत की यात्रा पर आए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के इस विचार को साझा करते हुए कि किसी देश को आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया नहीं करानी चाहिए, कहा कि भारत और अमेरिका को मिल कर आतंकवाद से लड़ना चाहिए क्योंकि कोई भी देश इससे सुरक्षित नहीं है।

ओबामा से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने अमेरिका से पहले ही से मजबूत रिश्तों को और सुदृढ़ बनाने पर जोर देते हुए कहा, भारत और अमेरिका के रिश्ते ना केवल दोनों देशों के लिए अच्छे हैं बल्कि दक्षिण एशिया और एशिया प्रशांत क्षेत्रों तथा विश्व के लिए भी अच्छे हैं। मुखर्जी ने कहा कि विश्व को हर हाल में आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का रूख अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, किसी भी देश में आतंकियों को सुरक्षित पनाह देने का मतलब है सभी देशों को आतंकी हमले का निशाना बनने की आशंका पैदा करना।

राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रि भोज में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का स्वागत करते हुए भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि उनकी भारत की यह यात्रा ऐतिहासिक है क्योंकि वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जो गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि बने हैं। उन्होंने कहा, ‘इसने उनकी यात्रा को सही मायनों में ऐतिहासिक बना दिया है।'

मुखर्जी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते कुछ खास हैं क्योंकि यह हमारे दोनो देशों के लोगों के दिल ओ दिमाग में, हमारे व्यवसायियों के बीच वाणिज्यिक रिश्तों में, हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के आदान प्रदान में और हमारे सैकड़ों संस्थानों के बीच बढ़ते संपर्क में रचे बसे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें दोनो देशों की सरकारें पूरे गर्व के साथ यह स्वीकार कर सकती हैं कि उन्होंने अपनी जनता द्वारा सुझाए गए रास्ते पर चलते हुए एक ‘सामरिक साझेदारी’ को सफलतापूर्वक परवान चढ़ाया है।’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘मजबूत आकर्षण और अपनत्व से यह साबित होता है कि दोनों देशों के लोग प्रत्येक रायशुमारी में क्यों एक दूसरे को मित्रवत मानते हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि क्यों इस रिश्ते को मजबूत राजनीतिक समर्थन हासिल है।’ उन्होंने कहा, ‘आज हमारी जनता मानवीय गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में सहयोग कर रही है, मिलकर सागर की गहराइयों का दोहन करने से लेकर भारतीय मानसून की चाल समझने, मंगल के संयुक्त अंतरिक्ष दोहन और इसके बीच आने वाली तमाम चीजों में। लेकिन हमारे जैसे इस रिश्ते में, जिसमें अपार संभावना है, अभी और बहुत कुछ है, जिसमें हम सहयोग कर सकते हैं और हमें करना चाहिए।’

भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती और सहयोग के बंधन और मजबूत होने की दिशा में नये मील के पत्थर स्थापित करने की कामना के साथ राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारी उल्लासपूर्ण गणतंत्र दिवस परेड में आपकी (ओबामा की) मौजूदगी से विश्व को हमारे दो लोकतंत्रों को बांधने वाले मैत्री और विश्वास के बढ़ते संबंधों का आभास मिलेगा।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने मुखर्जी को इस बात के लिए धन्यवाद किया कि उन्होंने अपने चार दशक के सार्वजनिक जीवन के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है। ओबामा ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों ने अपनी-अपनी धरती पर जघन्य आतंकी हमले देखे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की कानून लागू करने वाली एजेंसियों को और अधिक आपसी विश्वास और सहयोग बनाना चाहिए जिससे कि आतंकवाद से कड़ाई से निपटा जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों की युवा पीढ़ियों के बीच भी करीबी संबंध की वकालत की।

राष्ट्रपति बराक ओबामा के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी द्वारा दिए गए इस भोज में देशभर से गणमान्य हस्तियों को आमंत्रित किया गया था। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम के अलावा मोदी सरकार के मंत्री समेत अन्य क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां भोज में शामिल हुए। (एजेंसी इनपुट के साथ)

Trending news