एनआरसी को देश की एकता के लिए खतरा बताने वालीं ममता बनर्जी की पार्टी में नेता खुद एकमत नहीं हैं और पार्टी में बिखराव शुरू हो गया है.
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नई दिल्ली : असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन के मसौदे से उपजा राजनीति बवंडर अभी थमता नजर नहीं आ रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी जहां इस मुद्दे को लेकर तमाम विपक्षी दलों को सरकार के खिलाफ लामबंद करने में जुटी हैं और एनआरसी को देश की अखंडता और शांति के लिए खतरा बता रही हैं, वहीं इस मुद्दे पर खुद उनकी पार्टी में बिखराव शुरू हो गया है.
असम के टीएमसी प्रमुख दीपेन पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे के लिए दीपेन ने अपनी ही पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि एनसीआर के मुद्दे पर ममता बनर्जी देश का माहौल खराब कर रही हैं, जबकि हकीकत में कुछ भी ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि एनआरसी का यह पहला ड्राफ्ट है और लोगों को अपने नाम दर्ज करने का पूरा मौका दिया जा रहा है.
दीपेन पाठक ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री जिस तरह के बयान दे रही हैं उससे असम में रहने वाले बंगाली और असम के लोगों के बीच तनाव पैदा हो सकता है. उनके वर्षों पुराने संबंधों में खटास आ सकती है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य का माहौल खराब होता है, उसकी जिम्मेदारी उन पर आएगी.
#WATCH: Dwipen Pathak after resigning from Assam TMC Chief's post says, "What Mamata Banerjee said about NRC, that it has been brought in Assam to drive out Bengalis, I don't agree with that. It might create disturbance here & the blame would be on me as a pres, so I've resigned" pic.twitter.com/JnxKy2gV0i
— ANI (@ANI) 2 अगस्त 2018
अपने पद से इस्तीफा देते हुए दीपेन ने मीडिया से कहा, 'ममता बनर्जी कह रही हैं कि असम में से बंगाली को भगाने के लिए एनआरसी को पेश किया गया है. इससे मैं सहमत नहीं हूं. क्योंकि एनआरसी में खुद असम की जो प्राचीन जनजाति हैं उन लोगों के नाम भी बाहर हो गए हैं. लेकिन सरकार 7 अगस्त से फिर से फार्म जारी कर रही है. 30 तारीख से लोग फिर से अपील कर सकते हैं. उससे पहले इतना हल्ला करने की कोई जरूरत नहीं है. इस वजह से असम का माहौल खराब हो सकता है. असमी और बंगाली के बीच तनाव पैदा हो सकता है. अगर राज्य का माहौल खराब होता है तो इसका सारा दोष मेरे ऊपर आएगा. इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं.'
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बता दें कि जब से असम सरकार ने एनआरसी का पहला ड्राफ्ट जारी किया है, तभी से ममता बनर्जी इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए लगातार बयान दे रही हैं. वह पिछले तीन दिनों से दिल्ली में थीं और दिल्ली में उन्होंने विपक्ष तथा सत्ता पक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की और एनआरसी को देश की एकता और शांति के लिए खतरा बताया. उन्होंने अपने दौरे में एक कार्यक्रम में कहा था कि एनआरसी से देश में रक्तपात होगा और गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने 40 लोगों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया है.