वृद्धों के लिए स्वर्ग बना स्विट्जरलैंड, 71वें नंबर पर भारत
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वृद्धों के लिए स्वर्ग बना स्विट्जरलैंड, 71वें नंबर पर भारत

60 साल और उससे उपर की उम्र के लोगों के रहने के लिए स्विट्जरलैंड सबसे अच्छी जगह है जबकि वृद्धों की सामाजिक एवं आर्थिक बेहतरी के मामले में भारत की हालत बहुत खराब है और 96 देशों की फेहरिस्त में वह 71वें पायदान पर है।

लंदन : 60 साल और उससे उपर की उम्र के लोगों के रहने के लिए स्विट्जरलैंड सबसे अच्छी जगह है जबकि वृद्धों की सामाजिक एवं आर्थिक बेहतरी के मामले में भारत की हालत बहुत खराब है और 96 देशों की फेहरिस्त में वह 71वें पायदान पर है।

हेल्पएज इंटरनेशनल ने साउथंपटन विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी से काम करते हुए ग्लोबल एजवॉच इंडेक्स 2015 में पाया कि साठ साल और उससे उपर की उम्र के लोगों के रहने के लिए स्विट्जरलैंड सबसे अच्छी जगह है। उसके बाद नार्वे और स्वीडन का नंबर आता है।

बुजुर्गों की बेहतरी के मामले में जर्मनी का मुकाम चौथा है। कनाडा पांचवें और नीदरलैंड छठे पायदान पर है। उनके बाद आइसलैंड और जापान है। अमेरिका 10वें पायदान पर जबकि ब्रिटेन और डेनमार्क 11वें और 12वें पायदान पर है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 60 साल से ज्यादा की उम्र वाले 11 करोड़ 66 लाख लोग रहते हैं और बुजुर्गों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के मामले में 96 देशों की फेहरिस्त में उसका स्थान 71वां है।

पड़ोसी श्रीलंका 46वें पायदान पर है जबकि चीन 52वें पायदान पर, बांग्लादेश 67वें पायदान पर और नेपाल 70वें पायदान पर है। पाकिस्तान बहुत नीचे 92वें पायदान पर है जबकि अफगानिस्तान अंतिम 96वें पायदान पर है।

पूर्वानुमान के अनुसार 2030 में, देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या कुल आबादी का 12.5 प्रतिशत होगी। उम्मीद की जा रही है कि 2050 में यह संख्या कुल आबादी का 19.4 प्रतिशत हो जाएगी। देश में 60 साल की उम्र में जीवन प्रत्याशा (जिजीविषा) 17 साल है। मतलब यह कि 60 साल के लोगों के 17 साल और जीने की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन स्वस्थ जीवन प्रत्याशा बस 12 साल छह महीने हैं। इसका मतलब यह है कि 60 साल उम्र के लोग अच्छी सेहत के साथ औसतन 12 साल छह महीने ही जीने की उम्मीद कर सकते हैं।

साठ साल की उम्र में सबसे ज्यादा जीवन प्रत्याशा जापान के लोगों की है। वहां जापानी औसतन 26 अतिरिक्त साल जीते हैं। अफगानिस्तान में 60 साल के लोग औसतन अतिरिक्त 16 साल जीते हैं।

रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के 28 प्रतिशत को पेंशन मिल रही है। 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरूषों का 30 प्रतिशत और महिलाओं का 72 प्रतिशत पूरी तरह दूसरों पर आश्रित हैं।

ग्लोबल एजवॉच इंडेक्स 60 साल और उससे ज्यादा उम्र की दुनिया की 91 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे लोगों की संख्या तकरीबन 90 करोड़ 10 लाख है। यह चार प्रमुख क्षेत्रों - आय, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार तथा रोजगारोन्मुखी माहौल - में बुजुर्गों की जिंदगी का लेखा-जोख करता है।

रिपोर्ट में पाया गया कि वृद्धों में गरीबी की दर बहुत ही नाटकीय तरह से घटती-बढ़ती है। अभी दक्षिण कोरिया में वृद्धों में गरीबी सबसे ज्यादा 48.5 प्रतिशत है जबकि आइसलैंड में सबसे कम 1.6 प्रतिशत है। भारत में यह 5.1 प्रतिशत है जबकि ऑस्ट्रेलिया में 33.4 प्रतिशत है। दक्षिण अफ्रीका में यह 12.17 प्रतिशत, मारिशस में 6.4 प्रतिशत, लाओ गणराज्य में 4.5 प्रतिशत, चेक गणराज्य में 1.7 प्रतिशत है।

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