चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के लाइव डेमो के लिए शनिवार (20 मई) की तारीख तय की है.
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नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के लाइव डेमो के लिए शनिवार (20 मई) की तारीख तय की है. इसके साथ ही आयोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित करेगी जिसमें सभी राजनीतिक दलों से ईवीएम से छेड़छाड़ करके दिखाने की चुनौती दी जाएगी. इससे पहले शुक्रवार (12 मई) को सर्वदलीय बैठक में चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों पर सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम से छेड़छाड़ करके दिखाने की औपचारिक तौर पर खुली चुनौती दी थी. कई विपक्षी दलों ने दावा किया था कि मशीनों से लोगों का भरोसा उठ गया है.
Election Commission to hold a live demo of EVMs and VVPATs tomorrow in Delhi, also a press conference on “EVM Challenge” pic.twitter.com/8whAGkhU4p
— ANI (@ANI_news) May 19, 2017
आयोग द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने पार्टियों को चुनौती देते हुए कहा था कि राजनीतिक दल आजमाएं और यह सिद्ध करके दिखाएं कि सख्त तकनीकी एवं प्रशासनिक सुरक्षा इंतजाम के बावजूद ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है.
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का इस्तेमाल पूरी पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगी लेकिन विवाद को समाप्त करने के लिए आयोग चुनौती पेश करेगा.’’ बैठक में दौरान अधिकतर दलों ने कहा था कि भविष्य में सभी चुनाव वीवीपीएटी मशीन से जुडी ईवीएम के जरिए होने चाहिए. हालांकि कुछ पार्टियों के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि ईवीएम से भरोसा उठ गया है और ईसी को मतपत्रों के जरिए चुनाव कराने चाहिए.
बैठक में मौजूद भाजपा, माकपा, भाकपा ,अन्नाद्रमुक, द्रमुक सहित अनेक पार्टियों ने वीवीपीएटी मशीन से जुड़ी ईवीएम के इस्तेमाल का खुला समर्थन किया था, जबकि बसपा, आप, तृणमूल कांग्रेस ने मतपत्रों के जरिए मतदान का पुराना तरीके को ज्यादा बेहतर और पारदर्शी बताया.
आयोग ने पांच राज्यों के गत मार्च में सम्पन्न विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी किये जाने की कुछ दलों की शंकाओं के समाधान हेतु सभी 7 राष्ट्रीय दल और 49 राज्य स्तरीय दलों को इस बैठक में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया था. जैदी ने कहा था कि आयोग का कोई पसंदीदा नहीं है और यह सभी पार्टियों से समान दूरी रखता है.
उन्होंने कहा था कि आपको इस बात से सहमत होना चाहिए कि चुनाव आयोग का कोई पसंदीदा नहीं है, हम सभी पार्टियों और समूहों से समान दूरी बना कर रखते हैं. यह हमारा संवैधानिक और नैतिक कर्तव्य है कि हम 56 राजनीतिक दलों (सात राष्ट्रीय और 49 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त पार्टियां) द्वारा हमारे चारों ओर खींचे गए वृत्त के केंद्र बिंदु में रहे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दो चुनाव आयुक्तों ..एके ज्योति और ओपी रावत की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए थे, जिसके मद्देनजर जैदी ने यह बात कही थी. उन्होंने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि दोनों चुनाव आयुक्त क्रमश: गुजरात और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकारों के करीब रहे हैं.