क्या है मौत के बाद का रहस्य? यह जानने के लिए इंजीनियर ने दी जान
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क्या है मौत के बाद का रहस्य? यह जानने के लिए इंजीनियर ने दी जान

एक इंजीनियर नवदीप (25) ने मौत के रहस्य जानने के लिए दूसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी. इंजीनियर के पास 'लाइफ आफ्टर डेथ' नामक किताब, लैपटॉप और मोबाइल मिला है. दो पेज के सुसाइड नोट में इंजीनियर ने मौत के बाद के रहस्य जानने की बात लिखी है.

दिल्‍ली पुलिस के अनुसार, मृतक इंजीनियर भागलपुर- बिहार का रहने वाला था.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: जिंदगी में कुछ सवालों के जवाब नहीं होते, फिर भी इंसान उन जवाबों को खोजने में लगा रहता है. नतीजा कब कोई अपनी जान जोखिम में डाल दें पता नहीं चलता. ताजा मामला उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी का है. जहां एक इंजीनियर नवदीप(25) ने मौत के रहस्य जानने के लिए दूसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी. इंजीनियर के पास 'लाइफ आफ्टर डेथ' नामक किताब, लैपटॉप और मोबाइल मिला है. दो पेज के सुसाइड नोट में इंजीनियर ने मौत के बाद के रहस्य जानने की बात लिखी है.

  1. मौत के रहस्य जानने के लिए दूसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी
  2. इंजीनियर के पास 'लाइफ आफ्टर डेथ' नामक किताब मिली है
  3. पुलिस के अनुसार नवदीप का पूरा परिवार इंजीनियर हैं

पुलिस के अनुसार इंजीनियर भागलपुर- बिहार का रहने वाला था. जो पटेल नगर में किराए का कमरा लेकर रहता था. बताया जा रहा है कि वह कुछ दिनों से अवसाद में था. इंजीनियर ने अपने माता-पिता से आत्महत्या करने की बात कही थी. उसने कहा कि मुझे मरने का ख्याल आता है.

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वह इतने अवसाद में था कि आत्महत्या के तौर-तरीका भी खोजने लगा था. उसने सोशल मीडिया के माध्यम से मां को बताया था कि उसके मन में आत्महत्या के विचार आ रहें हैं. बेटे की दशा देखकर मां परेशान हो गई. इसके बाद मां ने अपने भाई को फोन करके बेटे को पास बुला लेने की बात कही. मामा ने भांजे (नवदीप) को अपने साथ बुराड़ी स्थित घर में ले आए.

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जहां नवदीप ने सोमवार देर रात दूसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी. पुलिस के अनुसार नवदीप का पूरा परिवार इंजीनियर हैं. उसका परिवार अबुधाबी में रहता है. नवदीप ने कोलकाता से इंजीनियरिंग के बाद डेढ़ साल तक मर्चेंट नेवी में नौकरी की. नौकरी के बाद आगे पढ़ने का मन हुआ तो एमटेक करने स्वीडन चला गया.

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वह पढ़ने के बाद 2017 में भारत लौट आया. भारत में आने के बाद उसने दिल्ली के पटेल नगर में किराए का कमरा लिया. यहां रहते हुए उसने पीएचडी में दखिले के लिए मेहनत की लेकिन असफल रहा.

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