पूर्व ISRO वैज्ञानिक यूआर राव का निधन, पढ़ें उनसे जुड़ी 10 खास बातें
Advertisement

पूर्व ISRO वैज्ञानिक यूआर राव का निधन, पढ़ें उनसे जुड़ी 10 खास बातें

इसरो की वेबसाइट पर दिए उनके परिचय के अनुसार वर्ष 1984 में अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने रॉकेट प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी लाई, जिसके चलते एएसएलवी रॉकेट का सफल प्रक्षेपण हुआ और साथ ही दो टन तक के उपग्रहों को धुव्रीय कक्षा में स्थापित कर सकने वाले पीएसएलवी का भी सफल प्रक्षेपण संभव हो सका.

भारत सरकार ने यूआर राव को 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया. (file pic)

बेंगलुरु : अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचंद्र राव (Udupi Ramachandra Rao) का रविवार को निधन हो गया. 85 वर्षीय यूआर राव (UR Rao) ने रविवार रात करीब तीन अंतिम सांस ली. इसरो के जनसंपर्क निदेशक देवीप्रसाद कार्णिक ने कहा कि यूआर राव को हार्ट संबंधी परेशानी थी. उन्‍हें हाल ही में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

यूआर राव (UR Rao) के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है. कर्नाटक में उडुपी जिले के अडामारू क्षेत्र में जन्मे राव अभी तक इसरो के सभी अभियानों में किसी न किसी तरह शामिल रहे. भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और प्राकृतिक संसाधनों की रिमोट सेंसिंग एवं संचार में इसके वृहद उपयोग में उनके अतुल्य योगदान के लिए उन्हें पहचाना जाता है.

वह अहमदाबाद में भौतिकी अनुसंधान प्रयोगशाला की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष और तिरुवनंतपुर में भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुलाधिपति पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. यूआर राव (UR Rao) 1984-1994 तक इसरो के अध्यक्ष रहे.

ये भी पढ़ें : इसरो 15 फरवरी को रिकार्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा

इसरो की वेबसाइट पर दिए उनके परिचय के अनुसार वर्ष 1984 में अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने रॉकेट प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी लाई, जिसके चलते एएसएलवी रॉकेट का सफल प्रक्षेपण हुआ और साथ ही दो टन तक के उपग्रहों को धुव्रीय कक्षा में स्थापित कर सकने वाले पीएसएलवी का भी सफल प्रक्षेपण संभव हो सका.

यूआर राव (UR Rao) ने वर्ष 1991 में क्रायोजेनिक तकनीक और भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के विकास की पहल भी की. भारतीय अंतरिक्ष तकनीक में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1976 में पद्म भूषण और 2017 पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था.

ये भी पढ़ें : अंतरिक्ष में भारत की एक और उड़ान 

यूआर राव के जीवन के खास बातें

- यूआर राव (UR Rao) 1984-1994 तक इसरो के अध्यक्ष रहे, उन्‍होंने अंतरिक्ष सचिव का पद भी संभाला था.
- प्रोफेसर राव को अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन ने प्रतिष्ठित द 2016 आईएएफ हॉल ऑफ फेम में शामिल किया था.
- 19 मार्च 2013 को वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित ‘सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया.
- मैक्सिको के ग्वाडलाजारा में ‘आईएएफ हॉल ऑफ फेम’ में शामिल करके सम्मानित किया गया.
- राव के 350 से अधिक वैज्ञानिक एवं तकनीकी पत्र प्रकाशित हुए.
- वैज्ञानिक राव ने 1972 में भारत में उपग्रह प्रौद्योगिकी  की स्थापना की जिम्मेदारी ली थी.
- यूआर राव के निर्देशन में 1975 में पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट से लेकर 20 से अधिक उपग्रहों को डिजाइन के साथ ही अंतरिक्ष में भी प्रक्षेपित किया गया.
- राव ने भारत में प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी का भी विकास तेज किया, जिसके परिणामस्वरूप 1992 में एएसएलवी का सफल प्रक्षेपण किया गया. 
- अंतरिक्ष विज्ञान में अहम योगदान के लिए भारत सरकार ने यूआर राव को 1976 में पद्म भूषण से सम्मानित किया.
- भारत सरकार ने यूआर राव को 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया.

 

Trending news