प्रदूषण से हेल्थ के साथ लोगों का हो रहा आर्थिक नुकसान, गौर करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट
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प्रदूषण से हेल्थ के साथ लोगों का हो रहा आर्थिक नुकसान, गौर करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट

न्यायालय में पिछले महीने एक याचिका दायर करके दिल्ली-एनसीआर में हरियाणा और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने सहित वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया गया था.

पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य को भी बहुत नुकसान पहुंचाता है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार (13 दिसंबर) को केन्द्र से सवाल किया कि क्या उसने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खतरनाक वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य को उत्पन्न खतरों से होने वाले आर्थिक नुकसान के पहलू पर गौर किया है? शीर्ष अदालत ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के एक हलफनामे का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि उसने पराली जलाने और फसल के ठूंठ को जाने के लिये हतोत्साहित करने के विकल्प पर गौर करने हेतु उच्च स्तरीय कार्य बल गठित किया था .

न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य को भी बहुत नुकसान पहुंचाता है. बड़ी संख्या में लोगों, खासकर बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. अत: इससे बहुत अधिक आर्थिक नुकसान भी होता है.

पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ए एन एस नादकर्णी से जानना चाहा, ‘‘क्या केन्द्र सरकार ने इस पहलू पर ध्यान दिया है? क्या आपने इसके आर्थिक प्रभाव और आर्थिक नुकसान के पहलू पर ध्यान दिया है?’’ पीठ ने कहा कि किसी को भी स्वास्थ की चिंता नहीं है, मसलन मेडिकल पेशे से जुड़े लोग स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव के बारे में कार्य बल में चर्चा करने में व्यस्त हैं.

पीठ ने कहा, ‘‘हमारी राय में यह उचित होगा यदि उच्च स्तरीय कार्य बल मेडिकल के पेशे से जुड़े लोगों की भी सहायता ले और वायु प्रदूषण के स्वास्थ पर प्रभाव के मसले पर भी चर्चा करे.’’ नाडकर्णी ने कहा कि वह इस बारे में कार्य बल के अध्यक्ष को सूचित कर देंगे.

इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने नाडकर्णी से कहा कि कार्य बल की बैठकें तो हुयी हैं परंतु इन चर्चाओं का क्या नतीजा निकला. नाडकर्णी ने कहा कि वह इन चर्चाओं के नतीजे न्यायालय में पेश कर देंगे. इस पर पीठ ने सुनवाई 15 जनवरी के लिये स्थगित कर दी.

न्यायालय में पिछले महीने एक याचिका दायर करके दिल्ली-एनसीआर में हरियाणा और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने सहित वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया गया था. याचिका में दावा किया गया था कि पराली जलाने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और पड़ोसी क्षेत्रों में प्रदूषण गंभीर स्तर तक बढ़ गया है.

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