अच्छा मानसून होने पर और तेज गति से आगे बढ़ेगा भारत: वित्त मंत्री
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अच्छा मानसून होने पर और तेज गति से आगे बढ़ेगा भारत: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था, भारत, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान साकार होने पर और अधिक तेज गति से वृद्धि दर्ज करेगा।

अच्छा मानसून होने पर और तेज गति से आगे बढ़ेगा भारत: वित्त मंत्री

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था, भारत, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान साकार होने पर और अधिक तेज गति से वृद्धि दर्ज करेगा।

जेटली ने कहा कि विश्वभर में छायी मंदी के बावजूद भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है तथा सरकार ग्रामीण क्षेत्र, रोजगार सृजन को बढाने और मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने को प्राथमिकता दे रही है।वित्त विधेयक 2016 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने स्वर्ण आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने के प्रस्ताव को वापस लेने से इंकार किया। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सुनिश्वित किया जायेगा कि किसी को परेशान नहीं किया जाए। इस बारे में लाहिड़ी समिति गठित की गई है जो अपने सुझाव सरकार को देगी।

स्वर्ण आभूषण पर उत्पाद शुल्क का मुद्दा उठाने पर कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए जेटली ने कहा, ‘‘ मुझे यह राजनीति समझ में नहीं आती कि आपको ‘सूट’ से घृणा है लेकिन सोने से बड़ा लगाव है। ’’ उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को कर पर आपत्ति है तो वह केरल में इस पर लगाये गए 5 प्रतिशत वैट को समाप्त करे जहां उसकी सरकार है।

वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वित्त विधेयक 2016.17 को मंजूरी दे दी। जेटली ने 28 फरवरी को पेश वित्त विधेयक में पांच संशोधन पेश किये। वित्त विधेयक अनुदान की मांग एवं अनुपूरक विधेयक के साथ पेश किया गया था। सदन ने इस संशोधन को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इस तरह लोकसभा में बजट की तीसरी और आखिरी प्रक्रिया पूरी हो गई।

वित्त मंत्री ने कृषि आय पर कर लगाने से भी इंकार किया और कहा कि कृषि पहले से ही दबाव की स्थिति में है। और कृषि क्षेत्र का विषय केंद्र के दायरे में नहीं आता है तथा यह राज्य का विषय है। उन्होंने राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि इस संबंध में कर लगाने के बारे में फिलहाल नहीं सोचें।

जेटली ने लोकसभा में कहा, ‘‘2014.15 में हमारी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत थी और 2015.16 में यह 7.6 प्रतिशत रही। हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। भारत दुनिया में सबसे अधिक तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। विश्व की तुलना में हम सबसे आगे हैं। लेकिन हम स्वयं मानते हैं कि हममें और अधिक क्षमता है। ’’

जेटली ने कहा कि पिछले दो वर्षो में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रहने में वैश्विक मंदी की बाधाकारी स्थिति और बरसात की कमी प्रमुख कारण रही क्योंकि बरसात की स्थिति का ग्रामीण हालात पर प्रभाव पड़ता है और 55 प्रतिशत लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित होती है। वैश्विक बाधाकारक तत्वों के कारण इस दौरान निर्यात में भी गिरावट आई। जेटली ने कहा,‘‘इस बार मानसून और अच्छी बरसात का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। दो वर्ष के सूखे के बाद बरसात अच्छी होगी तब कृषि क्षेत्र में सुधार आयेगा और ग्रामीण आय बेहतर होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अर्थव्यवस्था जो सार्वजनिक निवेश, उच्च प्रत्यक्ष विदेश निवेश और शहरी मांग के बल पर बढ़ रही है, अगर उसमें ग्रामीण क्षेत्र की मांग भी जुड़ जाती है तब वह और तेज गति से बढ़ेगी। ’’ कालाधन का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पहली बार हम कालाधन के बारे में ठोस कानून लेकर आए हैं और इसमें विदेशों में जमा कालाधन घोषित किये जाने की बात कही गई है।

इसके तहत एचएसबीसी से 6500 करोड़ बिना मूल्यांकन की गई राशि सामने आई है, विदेशी कालाधन कानून के संदर्भ में 4 हजार से सवा चार हजार करोड़ रूपया सामने आया है। आय के मूल्यांकन एवं आकलन से 71 हजार करोड़ रूपये की अघोषित आय का पता चला है।

जेटली ने कहा कि हमने नये प्रस्ताव में कहा है कि अघोषित आय जाहिर करो और 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करके उस राशि को वैध बनाओ। विवादों का निपटारा करने के लिए बजट प्रस्ताव में अघोषित आय पर 45 प्रतिशत कर देकर निपटारा करने की बात कही गई है।

उन्होंने संयुक्त मोर्चा सरकार में वित्त मंत्री के रूप में पी चिदंबरम द्वारा लाई गई माफी योजना :वीडीआईएस: के जरिये कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उसका आपने समर्थन किया था और उसे लोगों ने ‘अनैतिक’ बताया था। वह भेदभावपूर्ण था और ईमानदारी से कर का भुगतान करने वालों के खिलाफ था।

पनामा पेपर्स का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें जिन जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उन सभी को नोटिस भेज दिया गया है और कानून के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए वक्त का तकाजा है कि जिस क्षेत्र में मंदी हो, उस क्षेत्र में अधिक सरकारी धन डाले।

बैंकों के एनपीए के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीए का मुद्दा बैंकों के लिए चिंता का विषय है। कुछ रिण गलत तरीके से दिये गए हो सकते हैं लेकिन वह इस बात का उल्लेख नहीं कर रहे हैं कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। लेकिन खराब वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण बैंकों के बैलेंसशीट पर प्रभाव पड़ा है और इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार बैंकों की मदद करेगी।

जेटली ने कहा कि सबसे अधिक एनपीए स्टील क्षेत्र में था। चीन के पास स्टील क्षेत्र में अधिशेष व्यापार की स्थिति थी। जब इस क्षेत्र में मंदी आई तब चीन ने अपने उद्योग को जीवित रखने के लिए आधी कीमत पर स्टील बेचना शुरू किया जिससे अमेरिका समेत अनेक देश प्रभावित हुए।

उन्होंने कहा कि चीन के इस रूख पर अंकुश लगाने के लिए हमने आयात पर शुल्क लगाने के साथ न्यूनतम कीमत तय कर दी जिससे कम पर स्टील नहीं मंगाया जा सकता। इसके परिणाम सामने आने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षो में राजस्व अर्जन में वृद्धि दर्ज की गई है। 2014. 15 में राजस्व अर्जन में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि 2015.16 में इसमें 17 प्रतिशत वृद्धि हुई। पिछले वर्ष पहली बार वास्तविक खर्च बजट से अधिक हुआ है। इस साल भी विकास कार्यो में सरकारी पैसा रिकार्ड स्तर पर है।

जेटली ने कहा कि मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने के लिए और स्वदेशी उद्योग को समर्थन देने के लिए हमने अप्रत्यक्ष कर प्रस्तावों के जरिये सीमा शुल्क और सीवीडी को व्यवहारिक बनाया है। रोजगार सृजन के लिए आवास क्षेत्र को राहत दी गई है और स्टार्ट अप को बढावा दिया जा रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र और कृषि कमजोर हो गई थी। बरसात नहीं होने के परिणामस्वरूप कृषि प्रभावित होने से गांव में क्रयशक्ति कम हो गई थी। हमने ग्रामीण क्षेत्र के लिए प्रावधान किये हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि जब हम सत्ता में आये थे तब राजमार्ग परियोजनाएं ठप थी, कोई बोली लगाने को तैयार नहीं था। हमने सार्वजनिक निवेश बढ़ाया और इस क्षेत्र को बहाल करने का काम किया। राज्यों के हाथ मजबूत बनाने के लिए हमने राज्यों को आवंटन बढ़ाया। 14वें वित्त आयोग के तहत भी राज्यों का हिस्सा बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया गया है।

 

 

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