बता दें कि इस क्षेत्र में रामनवमी के जुलूस को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सीआरपीसी की धारा144 लागू हो गई.
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नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल के आसनसोल में हिंसा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की गुरुवार को पुलिस कर्मियों के साथ धक्कामुक्का हुई. इस दौरान बाबुल सुप्रियो के खिलाफ पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन और ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मी के साथ पुलिस कर्मी के साथ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि इस क्षेत्र में रामनवमी के जुलूस को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सीआरपीसी की धारा144 लागू हो गई.
पुलिस ने बताया कि बुधवार रात से इलाके में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है. इलाके में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात है. गुरुवार को केंद्रीय भारी उद्योग और लोक उपक्रम राज्य मंत्री एवं आसनसोल से सांसद सुप्रियो की कार जैसे ही पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश करने लगी उसे रोक दिया गया.
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पुलिस ने मंत्री जी को इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया. लेकिन मंत्री जी गुस्सा हो गए और अपने ही संसदीय क्षेत्र में जाने के लिए पुलिसकर्मी से बहस करते दिखे. इस दौरान पुलिस और बाबुल सुप्रियो के बीच धक्कामुक्की भी हुई. कुछ लोगों ने मंत्री के खिलाफ कथित रूप से नारेबाजी की और उनसे तत्काल इलाका छोड़ने की मांग की.
अपने पर लगे केस के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंंत्री ने मीडिया को बताया कि उन्होंने भी एक केस रजिस्टर्ड कराया है, उन्होंने कहा, 'मैंने उस पुलिसकर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है जिसने मेरे साथ मारपीट की थी.
Had registered an FIR against the police personnel who assaulted me: Union Minister Babul Supriyo on FIR registered against him for violating Sec 144 in Asansol and FIR against him for assaulting a police personnel pic.twitter.com/HAy3sj7k38
— ANI (@ANI) March 29, 2018
पीएम मोदी को देंगे जानकारीः बाबुल सुप्रियो
सुप्रियो ने दावा किया कि केवल केंद्रीय बलों की तैनाती के जरिये इलाके में शांति बहाल की जा सकती है और स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है. मंत्री ने कहा, ‘‘जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने का पूरा हक है और खासकर ऐसे समय जब लोग दिक्कत में हैं.
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यह मेरा कर्तव्य है. लेकिन पुलिस कह रही है कि मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इलाके में धारा 144 लागू है. मंत्री होने के नाते मैं नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता.’’ सुप्रियो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को घटना की जानकारी देंगे.
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लॉकेट चटर्जी को भी रोका गया
इसके अलावा पश्चिम बंगाल पुलिस ने बीजेपी महिला मोर्चा (पश्चिम बंगाल ) की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को भी दुर्गापुर में रोक लिया. वह भी रानीगंज जा रही थीं. विरोधस्वरूप वह धरने पर बैठ गईं.
राज्य सरकार ने बीजेपी पर लगाया आरोप
दोनों घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सूबे में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘जब इलाके में पुलिस गश्त कर रही है तो वे रानीगंज क्यों जाना चाहते हैं? क्या वे पिछले दो दिनों की हिंसा से संतुष्ट नहीं हैं.’’ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आसनसोल नगर निगम के महापौर जितेंद्र तिवारी ने सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया.