सोमनाथ चटर्जी बोले-प्रकाश करात की वजह से नहीं बन सका राष्ट्रपति
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सोमनाथ चटर्जी बोले-प्रकाश करात की वजह से नहीं बन सका राष्ट्रपति

पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी  (फाइल फोटोः यूट्यूब)

नई दिल्लीः आज (25 जुलाई 2017) देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ ली है. 25 जुलाई के दिन ही देश के पूर्व राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति को कार्यभार सौंपते हैं. बहुत कम लोग जानते हैं कि आज (25 जुलाई) ही के दिन लोकसभा के पूर्व स्पीकर और पूर्व सीपीएम नेता सोमनाथ चटर्जी का भी जन्मदिन है. सोमनाथ चटर्जी यूपीए-1 (2004-2009) के समय लोकसभा के स्पीकर रहे. सोमनाथ चटर्जी ने पश्चिम बंगाल के अखबार 'आज कल' को दिए इंटरव्यू में कहा कि वह देश के राष्ट्रपति बन सकते थे. लेकिन उस समय के सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने ऐसा होने नहीं दिया.

साल 2007 के राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र करते हुए सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि "मैं उस समय लोकसभा स्पीकर था, तब जेडीयू नेता शरद यादव मुझसे मिले, वो चाहते थे कि मैं राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी बनूं. मुझे पता चला कि उन्हें कांग्रेस पार्टी की तरफ से भेजा गया है."

सोमनाथ चटर्जी ने कहा "उस समय कांग्रेस और जेडीयू के अलावा बीजू जनता दल, शिरोमणी अकाली दल और डीएमके ने भी मुझे समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन मैंने शरद यादव को कहा कि आप पहले सीपीएम लीडरशिप से बात करें "

सोमनाथ चटर्जी ने इंटरव्यू में बताया कि "उस समय इस प्रस्ताव के लिए तात्कालीन सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने मना कर दिया. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, तो मैं राष्ट्रपति बन गया होता, क्योंकि बीजेपी ने किसी भी प्रत्याशी को राष्ट्रपति चुनाव में उतारने का ऐलान नहीं किया था."लोकसभा के पूर्व स्पीकर ने कहा कि कुछ दिनों बाद प्रकाश करात मुझसे मिलने आए और बोले "सीपीएम ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए किसी भी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव नहीं दिया है"

'ज्योति बसु को प्रधानमंत्री बनाने में भी बाधा बने थे करात' 

सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि प्रकाश करात ने केवल मेरे राष्ट्रपति बनने में ही बाधा नहीं उत्पन्न की थी. उन्होंने वरिष्ठ सीपीएम नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम ज्योति बसु के प्रधानमंत्री बनने से भी रोका था. उन्होंने कहा कि दोनों मामलों की तुलना करें तो मेरा केस काफी छोटा है.

सोमनाथ चटर्जी ने 2008 में भारत-यूएस न्यूक्लियर डील के चलते यूपीए-1 से सीपीएम के समर्थन वापस लेने की भी आलोचना की. आपको बता दें कि इस डील पर सरकार से अलग होने का ऐलान करने वाली सीपीएम ने तात्कालीन लोकसभा स्पीकर और सीपीएम के सांसद सोमनाथ चटर्जी से भी स्पीकर पद से इस्तीफा देने की बात कही थी. लेकिन सोमनाथ ने ऐसा नहीं किया, तो सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया. 

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