सोनिया पर गिरिराज की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, कांग्रेस ने की बर्खास्तगी की मांग
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सोनिया पर गिरिराज की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, कांग्रेस ने की बर्खास्तगी की मांग

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के बारे में यह नस्ली टिप्पणी करके एक नया विवाद छेड़ दिया है कि यदि सोनिया गोरी चमड़ी वाली नहीं होती तो क्या कांग्रेस उनके नेतृत्व को स्वीकार करती। इस टिप्पणी से बुरी तरह खिन्न कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह अपने इस मंत्री को बर्खास्त करें और राष्ट्र से माफी मांगें।

सोनिया पर गिरिराज की टिप्पणी से छिड़ा विवाद, कांग्रेस ने की बर्खास्तगी की मांग

नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के बारे में यह नस्ली टिप्पणी करके एक नया विवाद छेड़ दिया है कि यदि सोनिया गोरी चमड़ी वाली नहीं होती तो क्या कांग्रेस उनके नेतृत्व को स्वीकार करती। इस टिप्पणी से बुरी तरह खिन्न कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह अपने इस मंत्री को बर्खास्त करें और राष्ट्र से माफी मांगें।

गिरिराज ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा था, ‘यदि राजीव गांधी ने एक नाइजीरियाई महिला से विवाह किया होता और यदि वह गोरी चमड़ी वाली महिला नहीं होती तो क्या कांग्रेस उनके नेतृत्व को स्वीकार करती।’ विभिन्न महिला नेताओं ने भी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे उनकी नस्ली सोच एवं महिलाओं के प्रति रवैये के बारे में पता चला है।

गिरिराज पहले भी अपनी विभिन्न टिप्पणियों को लेकर विवादों में रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी का विरोध करने वाले लोगों को पाकिस्तान जाने को कहा था। उन्होंने राजनीतिक परिदृश्य से राहुल गांधी की अनुपस्थिति का माखौल उड़ाते हुए उनकी तुलना मलेशियन एयरलाइंस के लापता विमान से की थी।
ताजा विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछने पर सिंह ने आज यहां मीडिया से शुरू में बातचीत करने से इंकार कर दिया। बाद में इस विवाद के बढ़ने पर उन्होंने इसके लिए खेद जताया।

उन्होंने कहा, ‘यदि सोनिया जी एवं राहुल जी मेरी टिप्पणी से आहत हुए हैं तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। उनकी यह टिप्पणी आफ दि रिकार्ड निजी बातचीत में की गयी टिप्पणी थी।' उन्होंने यह संकेत भी दिया कि मीडिया इसे बेवजह तूल दे रही है।

केन्द्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा था, ‘उस स्थिति की कल्पना करिये कि हमारी जगह कांग्रेस सत्ता में होती और राहुल प्रधानमंत्री बन गये होते और यदि किसी कारण से प्रधानमंत्री 47 दिनों से ज्यादा समय के लिए गायब हो जाते।’ उन्होंने बिहार के हाजीपुर में बीती रात पत्रकारों से कहा, ‘कांग्रेस उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति मलेशिया एयरलाइंस के विमान के गायब हो जाने के समान है जिसके बारे में पता नहीं चल सका है। इसी तरह कांग्रेस नेता बजट सत्र में मौजूद नहीं थे। कांग्रेस में कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। यह कांग्रेस के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और देश के लिए एक मजाक है।’

गिरिराज सिंह पहले ऐसे मंत्री या भाजपा नेता नहीं हैं जिनकी विवादास्पद टिप्पणी से मोदी सरकार की किररिकी हुई है। दिल्ली चुनाव के दौरान केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की सांप्रदायिक टिप्पणी के कारण संसद के शीतकालीन सत्र में काफी हंगामा हुआ था और इस टिप्पणी को प्रधानमंत्री ने नामंजूर कर दिया था। इसी प्रकार भाजपा सांसदों योगी आदित्यनाथ एवं साक्षी महाराज की आक्रामक टिप्पणी से पार्टी ने अपने को अलग कर लिया था।

समझा जाता है कि गिरिराज सिंह को पार्टी के एक वरिष्ठ नेता एवं मंत्री ने बुलाकर उनकी टिप्पणी पर अपनी असहमति जतायी जिसके बाद उन्होंने अपना खेद व्यक्त किया है। समझा जाता है कि इस वरिष्ठ मंत्री ने उनसे खेद जताने को कहा था।

हाल में राज्यसभा में जदयू अध्यक्ष शरद यादव की टिप्पणी को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से विवाद छिड़ गया था। यादव ने दक्षिण भारतीय महिलाओं के रंग एवं शारीरिक गठन पर टिप्पणी की थी। बाद में यादव को अपनी टिप्पणियों पर खेद जताना पड़ा था।

गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारेसकर भी हाल में धरने पर बैठी नर्सों के बारे में की गयी एक टिप्पणी को लेकर विवाद में आ गये हैं। पारेसकर ने भूख हड़ताल कर रही नर्सों से कथित रूप से कहा था कि उन्हें धूप में भूख हड़ताल नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे उनका रंग काला पड़ जायेगा और उनके विवाह की संभावनाएं खराब हो जाएंगी। बहरहाल, पारेसकर ने ऐसी कोई भी टिप्पणी करने से आज इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शन कर रही नर्स को जानते थे और इसलिए उन्होंने टिप्पणी की थी कि धूप में बैठने के बाद वह बदली हुई लग रही है।

कांग्रेस ने गिरिराज सिंह की खेद व्यक्त करने वाली टिप्पणी स्वीकार करने से इंकार कर दिया। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के एक बयान में कहा गया कि मोदी को इस तरह के मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।
पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस केन्द्रीय मंत्री  गिरिराज सिंह की लगभग पागलपन वाली असंयमित और अनुचित टिप्पणियों का कड़ा विरोध और निंदा करती है। प्रधानमंत्री को इस तरह के मंत्री को बर्खास्त करके देश से माफी मांगनी चाहिए।’

इन टिप्पणियों की निंदा करने वाले बयान में सुरजेवाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निरंतर खुश करने के प्रयास के कारण सिंह ‘अपना संतुलन खो बैठे हैं।’ उन्होंने दावा किया कि इस तरह की टिप्पणियां भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं में नैतिकता की कमी को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि सिंह विवादित टिप्पणियों के लिए प्रसिद्ध हैं।

सुरजेवाला ने कहा, ‘2014 संसदीय चुनावों से पहले, गिरिराज सिंह ने मोदी का विरेाध करने वालों से भारत छोड़कर पाकिस्तान जाने के लिए कहा था।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘शायद वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने घर में चोरी करने वालों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा बरामद 1.14 करोड़ रूपये की नकदी और अमेरिकी डॉलर फिर से लेने से इंकार कर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘इस प्रकृति के आचरण के लिए, प्रधानमंत्री ने उन्हें केन्द्रीय कैबिनेट में मंत्री बनाकर पुरस्कृत किया।’

कांग्रेस के एक अन्य नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह मोदी को ध्यान देना चाहिये कि उनकी सरकार में किस तरह के तत्व और विचित्र प्राणी हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिंह की टिप्पणी शर्मनाक है। ‘मोदीजी ने इस तरह के लोगों को अपनी सरकार में रखा है।’ माकपा की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में कैसे इस तरह के सबसे खराब बयान दिये जा रहे हैं।

भाजपा नेता किरण बेदी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से मोदी के विकास का एजेंडा भटकता है। उन्होंने कहा, ‘मैं आश्वस्त हूं कि यह प्रधानमंत्री के लिए एक चिंता का विषय है। वह इससे कैसे निबटते हैं, यह उन पर छोड़ दिया जाना चाहिए।’ अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि यह टिप्पणी अत्यंत नारी द्वेषी और पित्तृ सत्तात्मक है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में कहा कि मंत्री द्वारा सोनिया गांधी के बारे में की गयी टिप्पणी कड़ी भर्त्सना के योग्य है। इससे लोगों के विचार पता चलते हैं। ऐसी टिप्पणी पहली बार नहीं की गयी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि सिंह के साथ भी उसी तरह व्यवहार किया जाना चाहिए जिस प्रकार जदयू नेता शरद यादव के साथ तब किया गया था जब उन्होंने महिलाओं के रंग के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। लालू ने साथ ही यह भी कहा कि ऐसी टिप्पणी केवल सिंह और ऐसे लोगों द्वारा की जा सकती है जो आरएसएस के सदस्य हों।

केन्द्रीय कानून मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने इस मामले में गेंद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पाले में डालते हुए कहा, ‘यह पार्टी अध्यक्ष पर छोड़ दिया जाना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष अनुशासित व्यक्ति हैं। जब भी वह किसी को गलत करते हुए देखते हैं तो ध्यान देते हैं और उसे इस प्रकार की चीज नहीं करने की सलाह देते हैं। अपने सहयोगी के बयान के बारे में कोई टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं होगा।’

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