सेना की ओर से स्वदेश निर्मित एक एसॉल्ट राइफल खारिज किये जाने के कुछ सप्ताह बाद सरकार ने पुरानी हो रही इंसास राइफलों को बदलने के लिए उच्च कैलिबर की 1.85 लाख राइफलों की खरीद की प्रक्रिया तेज करने का निर्णय किया है.
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नई दिल्ली : सेना की ओर से स्वदेश निर्मित एक एसॉल्ट राइफल खारिज किये जाने के कुछ सप्ताह बाद सरकार ने पुरानी हो रही इंसास राइफलों को बदलने के लिए उच्च कैलिबर की 1.85 लाख राइफलों की खरीद की प्रक्रिया तेज करने का निर्णय किया है.
सेना 7.62 गुणे 51 एम एम राइफलों की आपूर्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है. सेना ने विशेष रूप से कम से कम 65000 राइफलों की तत्काल खरीद करने की मांग की है जिससे कि सीमाई क्षेत्रों और आतंकवाद निरोधक अभियानों में उसकी गोलीबारी की ताकत बढ़ सके. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि असाल्ट राइफलों के बारे में सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध किये जाने पर करीब 20 बंदूक निर्माताओं का जवाब आया है जिसमें से कई विदेशी कंपनियां हैं.
सेना को है असाल्ट राइफलों की तत्काल जरूरत
गत महीने सेना ने सरकारी राइफल कारखाना, इच्छापुर की ओर से निर्मित 7.62 गुणे 51 एमएम राइफल को उसकी खराब गुणवत्ता और अप्रभावी गोलीबारी ताकत का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था. सेना को असाल्ट राइफलों की तत्काल जरूरत है और राइफलों की निविदा अगले कुछ महीनों में पूरी होने की उम्मीद है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राइफल कारखाने की ओर से निर्मित राइफल में 'कई खामियां थीं और सेना की ओर से राइफल इस्तेमाल किये जाने पर विचार के लिए 'मैगजीन को फिर से डिजाइन किये जाने' की जरूरत थी. सेना ने गत महीने एक और स्वदेश निर्मित असाल्ट राइफल को मानक पूरी नहीं करने के चलते खारिज कर दिया था जिसे 5.56 एम एम एक्सकैलिबर राइफल कहा जाता है.