कालेधन के सभी खाताधारकों की पहचान को लेकर सरकार प्रतिबद्ध, अभी नामों का खुलासा ठीक नहीं: अरुण जेटली
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कालेधन के सभी खाताधारकों की पहचान को लेकर सरकार प्रतिबद्ध, अभी नामों का खुलासा ठीक नहीं: अरुण जेटली

विदेशी बैंकों से कालाधन वापस लाने के लिए सरकार के सही मार्ग पर चलने का दावा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि विदेशी बैंकों के 427 खाताधारकों की पहचान कर ली गई है तथा उनमें से 250 ने खाते होने की बात स्वीकार की है।

कालेधन के सभी खाताधारकों की पहचान को लेकर सरकार प्रतिबद्ध, अभी नामों का खुलासा ठीक नहीं: अरुण जेटली

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : विदेशी बैंकों से कालाधन वापस लाने के लिए सरकार के सही मार्ग पर चलने का दावा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि विदेशी बैंकों के 427 खाताधारकों की पहचान कर ली गई है तथा उनमें से 250 ने खाते होने की बात स्वीकार की है। विदेशों में जमा कालेधन के मुद्दे पर राज्‍यसभा में बुधवार को चर्चा का जवाब देते हुए उन्‍होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक काम जारी है। सरकार कालेधन के सभी खाताधारकों के नामों की पहचान करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

राज्यसभा में विदेशों में जमा कालेधन के मुद्दे पर हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए जेटली ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार काला धन रखने वाले लोगों का ‘सक्रियता से पीछा करेगी’ तथा अंतिम खाते की पहचान हो जाने तक वह शांत नहीं बैठेगी। विदेशों में जमा काले धन को वापस नहीं लाने के बारे में कोई निश्चित समय सीमा नहीं बताये जाने और वित्त मंत्री के जवाब से अंसतोष जताते हुए कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, जदयू एवं सपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

सरकार ने एसआईटी से कई नाम साझा किए हैं। मोदी सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक काम किया है और कोर्ट के आदेश के मुताबिक इस मामले में काम जारी है।  

वित्‍त मंत्री ने कहा कि कालेधन पर सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। कालेधन को लेकर जिनके नाम इसमें शामिल हैं, उनके सबूत जुटाना जरूरी है। 627 नाम एचएसबीसी बैंक के हैं और 18 नाम लिंचेस्‍टाइन बैंक के हैं। कई तरीकों से विदेशों में पैसा जमा किया गया है। इन सभी खातों की जांच चल रही है। उन्‍होंने कहा कि हमने कालेधन पर चर्चा की बात मानी है। अभी नाम न बता पाने की बाध्‍यता है और सबूत जुटाने के बाद नाम सामने लाए जाएंगे। इस मामले में जब चार्जशीट फाइल हो जाएगी, इसके बाद नाम सामने आएंगे। अभी नामों को सार्वजनिक करना ठीक नहीं है। अभी नाम बताए तो जांच में सहयोग नहीं मिलेगा। वित्‍त मंत्री ने यह भी कहा कि कालेधन को लेकर सूचना आदान प्रदान का काम हो रहा है। कई देशों के साथ बात जारी है।  

इससे पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि विदेश में रखे काले धन को लाने की प्रक्रिया में समय लगेगा। उन्होंने यह बात विपक्ष द्वारा भाजपा के नेताओं के 100 दिनों के भीतर विदेशों से काले धन को वापस लाने के वादे के बारे में किये गये सवालों के जवाब में कही। कालेधन के बारे में सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गोपनीयता के प्रावधान के कारण विदेशी खाता धारकों के नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता है बशर्ते अदालत में उनके खिलाफ अभियोजन चल रहा हो। उन्होंने 627 खाताधारकों की एचएसबीसी सूची का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें से 427 की पहचान हो चुकी है। उनमें से 250 लोगों ने बैंक खाते होने की बात स्वीकार कर ली है। इससे सरकार का काम आसान हो गया है।

वित्त मंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकारों ने जो किया, उससे कहीं ज्यादा हमने 100 दिनों में किया है। जेटली ने कहा कि आगामी हफ्तों में उन लोगों के सिलसिले में और अभियोजन कार्रवाई की जायेगी जिनके नाम एचएसबीसी सूची में गैर कानूनी खाते रखने के कारण आये हैं। उन्होंने कहा कि हम सीखने की प्रक्रिया में हैं। सरकार सही रास्ते पर चल रही है भले ही इसमें थोड़ा अतिरिक्त समय लगे। वित्त मंत्री ने कहा कि हम इन लोगों का पीछा करने में बेहद सक्रिय हैं। यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें समय लगेगा लेकिन यह त्रुटिहीन प्रक्रिया है।

उन्होंने राजग सरकार द्वारा कालेधन को वापस लाने के लिए उठाये गये कदमों का हवाला देते हुए कहा कि मई में कैबिनेट की पहली ही बैठक में सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का फैसला किया जबकि यह प्रस्ताव जुलाई 2011 से लंबित था। जेटली ने कहा कि सरकार ने कालेधन से संबंधित सभी दस्तावेज एसआईटी को सौंप दिये हैं। उन्होंने कहा कि एसआईटी इस माह के अंत तक अपनी दूसरी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंप देगी। खाताधारकों के नामों का खुलासा करने की मांग पर उन्होंने कहा कि सवाल नामों के खुलासा करने का नहीं बल्कि इसका है कि कब और कैसे उनका खुलासा किया जाये।

उन्होंने कहा कि समय से पहले नामों का खुलासा करने से खाता धारकों को लाभ मिलेगा क्योंकि इसके चलते संबंधित देश सूचनाएं मुहैया कराने से मना कर देंगे। जेटली ने कहा कि सरकार नामों का खुलासा कर आत्महत्या वाले रास्ते पर नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें नामों का खुलासा बेहद सोच समझकर और विवेकपूर्ण ढंग से करना होगा। जेटली ने कहा कि भारत ने 92 दोहरा कराधान निषेध संधियों पर हस्ताक्षर किये हैं। इनमें से रोमानिया को छोड़कर अन्य सभी देशों के साथ की गई संधियों में गोपनीयता का प्रावधान है। जेटली ने कहा कि भारत कालेधन की समस्या से निबटने के मकसद से सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के लिए किये जा रहे वैश्विक प्रयासों में अग्रणी पंक्ति में है। उन्होंने कहा कि ये प्रयास जी-20, ओईसीडी एवं फैटका (विदेशी खाता कर अनुपालन कानून) जैसे विभिन्न मंचों पर किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने स्विस बैंकों के खाताधारकों के बारे में जानकारी लेने के लिए स्विटजरलैंड के साथ विचार विमर्श किया था।

उन्‍होंने कहा कि यूपीए सरकार ने तीन साल तक कोर्ट का निर्देश नहीं माना और एसआईटी नहीं बनाई। लेकिन एनडीए सरकार ने एसआईटी गठन का पहला फैसला किया और इसे बनाया गया। हमें इस बात की खुशी है कि हर कोई कालेधन पर नाम जानना चाहता है। हालांकि, जेटली के जवाब के दौरान आज राज्‍यसभा में हंगामा भी हुआ। कांग्रेस, टीएमसी और सपा ने सदन से वाकआउट किया। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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