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नई दिल्ली: अगर आप वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कर रहे हैं और आपको लगता है कि ऑफिस वाले आपसे पहले से ज्यादा घंटे तक काम करा रहे हैं या ज्यादा प्रेशर डाल रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. भारत सरकार जल्द वर्क फ्रॉम होम को लेकर कानून (Law For Work From Home) बना सकती है, जिसमें परिभाषित किया जाएगा कि कंपनी की अपने कर्मचारी के प्रति क्या जिम्मेदारियां हैं जब वो वर्क फ्रॉम होम (WFH) कर रहा होगा.
द इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कई कंपनियां कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप के चलते अभी भी अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करा रही हैं. इसके लिए कोई तय फ्रेमवर्क नहीं है. अक्सर कई कर्मचारी आरोप लगाते हैं कि उनके ऑफिस में उनसे ज्यादा काम लिया जाता है लेकिन ऐसा कोई कानून नहीं है जिसकी मदद लेकर वो ऑफिस वालों के शोषण का विरोध कर सकें.
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माना जा रहा है कि वर्क फ्रॉम होम के कानून में काम करने के घंटे तय किए जा सकते हैं. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम के दौरान होने वाले बिजली और इंटरनेट जैसे खर्चों के लिए कंपनी कितने पैसे दे, ये भी कानून में तय किया जाएगा. केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि वर्क्र फ्रॉम होम के लिए नियम तय किए जाएंगे, जिसके लिए सरकार जल्द एक्शन ले सकती है.
अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार अब सभी क्षेत्रों के लिए एक व्यापक औपचारिक स्ट्रक्चर बनाना चाहती है. पुर्तगाल में हाल ही में बनाए गए कानून से वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मचारियों की ज्यादा सुरक्षा मिली है. पुर्तगाल में श्रम नियमों की एक रूपरेखा तैयार की गई है. इस कानून से कर्मचारियों के शोषण को रोकने में मदद मिली है.
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में एक स्थाई आदेश के माध्यम से सर्विस सेक्टर के लिए वर्क फ्रॉम होम को औपचारिक रूप दिया था, जिससे कंपनी और कर्मचारियों को काम के घंटे और अन्य शर्तों पर पारस्परिक रूप से फैसले लेने की अनुमति मिली थी. हालांकि सरकार के इस कदम को एक संकेत के रूप में देखा गया था क्योंकि सर्विस सेक्टर जिसमें बड़े पैमाने पर IT और ITeS शामिल हैं, पहले से ही विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम किया हुआ है.
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