राज्यसभा ने जीएसटी विधेयक प्रवर समिति को सौंपा
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राज्यसभा ने जीएसटी विधेयक प्रवर समिति को सौंपा

विपक्ष की मांग के समक्ष झुकते हुए सरकार ने मंगलवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को राज्यसभा की 21 सदस्यीय प्रवर समिति को सौंप दिया। समिति को अगले सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का समय दिया गया है।

नई दिल्ली : विपक्ष की मांग के समक्ष झुकते हुए सरकार ने मंगलवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को राज्यसभा की 21 सदस्यीय प्रवर समिति को सौंप दिया। समिति को अगले सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का समय दिया गया है।

भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी से संबंधित संविधान (122वां संशोधन) विधेयक राज्यसभा की प्रवर समिति को सौंपे जाने का प्रस्ताव किया। इसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी।

यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है।

समिति के सदस्यों में भाजपा के भूपेंद्र यादव, चंदन मित्रा और अजय संचेती, कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री, मणिशंकर अय्यर और बालचंद्र मुंगेकर, सपा के नरेश अग्रवाल, जदयू के के सी त्यागी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, द्रमुक की कनिमोई, बीजद के दिलीप तिर्की, शिवसेना के अनिल देसाई, शिअद के नरेश गुजराल, भाकपा के डी राजा, माकपा के के एन बालगोपाल, बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, पीडीपी के मोहम्मद फय्याज और निर्दलीय राजीव चंद्रशेखर शामिल हैं।

विपक्ष इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग काफी समय से कर रही थी। लोकसभा में बहुमत होने के कारण सरकार को यह विधेयक वहां पारित कराने में अधिक कठिनाई नहीं हुई। लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास अपेक्षित बहुमत नहीं है इसके कारण उसे विपक्ष की मांग की आगे झुकते हुए इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजना पड़ा।

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