नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा, 'जीएसटी, एक राष्ट्र, एक आकांक्षा और एक प्रतिबद्धता को दर्शाता है'
Advertisement

नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने कहा, 'जीएसटी, एक राष्ट्र, एक आकांक्षा और एक प्रतिबद्धता को दर्शाता है'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीति आयोग की संचालन परिषद की तीसरी बैठक में कहा कि 'न्यू इंडिया' का विचार सभी राज्यों और मुख्यमंत्रियों के सामूहिक प्रयासों से हासिल होगा. इतिहास में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर सहमति को सहकारी संघवाद के रूप में देखा जाएगा. जीएसटी, एक राष्ट्र, एक आकांक्षा और एक प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा, साथ-साथ चुनाव पर बहस और चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा, प्रधानमंत्री ने राज्यों से पूंजी व्यय और ढांचा सृजन की रफ्तार बढ़ाने को कहा. मोदी ने कहा कि जीएसटी संघीय ढांचे की ताकत को दिखाता है. मोदी ने जीएसटी को लेकर एक मंच पर आने के लिए सभी मुख्यमंत्रियो को श्रेय दिया.

 नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में पीएम मोदी (फोटो सौजन्य- पीआईबी)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीति आयोग की संचालन परिषद की तीसरी बैठक में कहा कि 'न्यू इंडिया' का विचार सभी राज्यों और मुख्यमंत्रियों के सामूहिक प्रयासों से हासिल होगा. इतिहास में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर सहमति को सहकारी संघवाद के रूप में देखा जाएगा. जीएसटी, एक राष्ट्र, एक आकांक्षा और एक प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा, साथ-साथ चुनाव पर बहस और चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा, प्रधानमंत्री ने राज्यों से पूंजी व्यय और ढांचा सृजन की रफ्तार बढ़ाने को कहा. मोदी ने कहा कि जीएसटी संघीय ढांचे की ताकत को दिखाता है. मोदी ने जीएसटी को लेकर एक मंच पर आने के लिए सभी मुख्यमंत्रियो को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों ने इसमें अपने वैचारिक और राजनीतिक मतभेदों को अलग रखा. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 13 अप्रैल को जीएसटी पर चार महत्वपूर्ण कानूनों को मंजूरी दी है. सरकार का इरादा इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक जुलाई से लागू करने का है.

नए भारत के विचार सामूहिक प्रयास से होंगे हासिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्य सारकारों का आह्वान किया कि वे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए 'पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचा सृजन की रफ्तार तेज करें।' नीति आयोग संचालन परिषद की तीसरी बैठक को यहां संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आयोग द्वारा तैयार की दीर्घ, मझोली और लघु अवधि की कार्रवाई योजनाओं से सभी राज्यों को लाभ होगा. उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, नीति आयोग 15 साल की दृष्टि, सात वर्ष की मध्यम अवधि की रणनीति तथा तीन साल के कार्रवाई एजेंडा के साथ काम कर रहा है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नए भारत के विचार को सभी राज्यों के सामूहिक प्रयासों तथा सहयोग से ही हासिल किया जा सकता है.

स्वतंत्रता की 75वीं वषर्गांठ के भारत की दृष्टि तैयार हो
मोदी ने कहा कि टीम इंडिया यहां जुटी है और देश को बदलते वैश्विक रख के अनुरूप तैयार करने के तरीके पर विचार विमर्श कर रही है. उन्होंने कहा कि यहां जुटे लोगों की की यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि 2022 (स्वतंत्रता की 75वीं वषर्गांठ) के भारत की दृष्टि तैयार करे, जिससे देश सुगमता से इन लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में बढ़ सके. मोदी ने कहा कि आयोग एक सामूहिक संघीय निकाय है, जिसकी ताकत बजाय उसके प्रशासनिक या वित्तीय नियंत्रण के, उसके विचारों में है. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि मुख्यमंत्रियों को बजट या योजनाओं की मंजूरी के लिए नीति आयोग के पास आने की जरूरत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह निकाय सरकारी ब्योरे से आगे बढ़ा है और उसने बाहर के विशेषज्ञों और युवा पेशेवरों की सेवाएं ली हैं. मोदी ने कहा कि राज्य भी नीति निर्माण में सहयोग दे सकते हैं.

बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च से बढ़ेगी वृद्धि की रफ्तार 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों को 2014-15 से 2016-17 के दौरान कुल कोष आवंटन में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वहीं केंद्रीय योजनाओं से संबद्ध कोष 40 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह गया है. उन्होंने कहा कि राज्यों को पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचा सृजन की रफ्तार बढ़ानी चाहिए. मोदी ने कहा कि देश में खराब बुनियादी ढांचे से आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे मसलन सड़क, बंदरगाह, बिजली और रेल पर अधिक खर्च से वृद्धि की रफ्तार बढ़ेगी. बजट पेश करने की तारीख में बदलाव पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कदम से वित्त वर्ष की शुरुआत में कोष की उपलब्धता सुनिचित होगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में योजनाओं के लिए बजट की राशि मई तक मंजूर नहीं हो पाती था. बजट की मंजूरी मिलने तक मानसून आज जाता था और इस तरह काम करने का सबसे अच्छा समय खराब हो जाता था. उन्होंने बताया कि योजना एवं गैर योजना व्यय के अंतर को समाप्त करने का फैसला 2011 में रंगराजन समिति की सिफारिशों पर आधारित है.

राज्यों के मुख्यमंत्री हुए शामिल
मोदी ने कहा कि जीएसटी पर आप सहमति को देश के इतिहास में सहकारिता संघवाद के एक महान उदाहरण के रूप में उल्लिखित किया जाएगा. जीएसटी एक राष्ट्र, एक आकांक्षा, एक संकल्प को दर्शाता है. प्रधानमंत्री ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को साथ-साथ कराने के लिए बहस और विचार विमर्श को आगे बढ़ाने की बात कही. राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भाग ले रहे हैं. नीति आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद के अध्यक्ष खुद प्रधानमंत्री हैं. इसमें सभी राज्यों मुख्यमंत्री और आयोग के सदस्य भी शामिल हैं.

Trending news