गुजरात चुनाव: चुनावी दंगल में कूदे दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, वडगांव से निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव
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गुजरात चुनाव: चुनावी दंगल में कूदे दलित नेता जिग्नेश मेवाणी, वडगांव से निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव

 राज्य में 22 साल से सत्ता का सूखा झेल रही कांग्रेस पार्टी ने ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ बातचीत के बाद जिग्नेश मेवाणी को भी अपने साथ लेने की कोशिश की थी. 

दलित नेता जिग्नेश मेवाणी

नई दिल्लीः गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए जहां आज (सोमवार) से पीएम मोदी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं, वहीं राज्य में बदलते सामाजिक समीकरणों की धूरी रहे दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी बड़ा ऐलान किया है. जिग्नेश ने घोषणा की है वह गुजरात के बनासकांठा जिले के वडगांव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. आपको बता दें कि इससे पहले जिग्नेश ने ऐलान किया था वह बीजेपी को हराना ही उनका उद्देश्य है. राज्य में 22 साल से सत्ता का सूखा झेल रही कांग्रेस पार्टी ने ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ बातचीत के बाद जिग्नेश मेवाणी को भी अपने साथ लेने की कोशिश की थी. लेकिन जिग्नेश ने कांग्रेस पार्टी सहित किसी भी अन्य दल के साथ मंच साझा करने से इंकार कर दिया था. 

  1. ऊना में दलितों पर हुए अत्याचार को विरोध में जिग्नेश ने किया था आंदोलन
  2. राज्य-केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ दलितों को एकजुट करने का किया काम
  3. कांग्रेस ने जिग्नेश को अपने खेमे में लाने की कोशिश की थी, जिग्नेश किया था इंकार

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15 नवंबर को जिग्नेश ने कहा था कि, ‘‘इस बार गुजरात विधानसभा का चुनाव बेहद ऐतिहासिक एवं निर्णायक साबित होने जा रहा है. प्रगतिशील एवं लोकतांत्रिक ताकतों को साथ आकर इस चुनाव में बीजेपी को उसी के ‘‘मैदान’’ में हराना है.’’ उन्होंने कहा था कि गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने के बाद ही 2019 में बीजेपी को सत्ता से बाहर रखा जा सकता है. जिग्नेश ने आज (सोमवार) ट्वीट कर कहा कि वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में गुजरात के बनासकांठा जिले की वडगांव-11 सीट से गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. 

इसके साथ ही जिग्नेश ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा अब खुद गब्बर मैदान में...निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हम 11- वड़गांव चुनावक्षेत्र से 2017 गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. आज 12 बजे वडग़ांव एक्जिक्यूट मेजिस्ट्रेट की ऑफिस पर पर्चा भरने जाएंगे. पिछले कुछ महीनों से, खास तौर पे चुनाव की घोषणा होने के बाद अनगिनत आंदोलनकारी साथियों का और युवा वर्ग का यह अनुरोध था बल्कि यह ख्वाहिश थी कि हम इस बार जमकर चुनाव लड़े ओर फासीवादी भाजपाईयो के सामने सड़कों के साथ साथ चुनाव में भी मुकाबला करें और दबे कुचले तबकों की आवाज़ बनकर विधानसभा में जाए.

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आपको बता दें कि जिग्नेश मेवाणी ने जिस वडगांव सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है वहीं से साल 2012 में कांग्रेस के प्रत्याशी मनीलाल वाघेला ने जीत दर्ज की थी. इस सीट को कांग्रेस ने बीजेपी से छीना था. साल 2007 में इस सीट से बीजेपी के फकीरभाई वाघेला विधायक रहे थे. पिछली बार इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को करीब 54 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि बीजेपी प्रत्याशी को करीब 41 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे.

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गौरतलब है कि गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के ऊना में कथित गौहत्या के आरोप में दलित युवकों की पिटाई के बाद सुर्खियों में आए जिग्नेश मेवाणी पेशे से पत्रकार रहे हैं. जिग्नेश ने ऊना दलित कांड के बाद पूरे राज्य में बीजेपी शासित सरकार के खिलाफ दलितों को एकजुट किया और हर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया. गुजरात में जिग्नेश से पहले किसी दलित नेता को इतना समर्थन नहीं मिला है. जिग्नेश को लगातार मिलते जनसर्मथन के चलते कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपने खेमे में लाने की भरसक कोशिश की थी. लेकिन जिग्नेश ने कांग्रेस समेत किसी भी दल के साथ मंच साझा करने से इंकार कर दिया था. जिग्नेश ने साफ कहा था कि उनका लक्ष्य सिर्फ बीजेपी को हराना है.

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