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अहमदाबाद : भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित हमला किए जाने के मद्देनजर गुजरात में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने दी। राज्य की जमीनी और समुद्री सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है।
उन्होंने कहा, ‘लक्षित करके हमला किए जाने के बाद समूचे गुजरात में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और सीमावर्ती थानों और तटीय थानों को हमारे सशस्त्र बलों के सफल अभियान के बाद निगरानी बढ़ाने के लिए अलर्ट कर दिया गया है।’ राज्य के तीन जिले कच्छ, बनासकांठा और पाटन पड़ोसी देश के साथ सीमा साझा करते हैं।
गुजरात के बड़े शहरों के लोगों ने पटाखे छोड़कर और मिठाइयां बांटकर लक्षित हमलों का स्वागत किया। पटेल ने बताया, ‘हमारे अधिकारी बीएसएफ और तटरक्षक बल के अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं। बीएसएफ और तटरक्षक बल क्रमश: जमीनी सीमा और समुद्र तट पर बेहद सतर्क हैं। सीमावर्ती जिलों में पुलिस ने पहले ही गश्त तेज कर दी है।’ तटवर्ती पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है और समुद्र में गतिविधियों का सतर्क होकर निगरानी करने को कहा गया है।
पटेल ने कहा, ‘केंद्र ने हमें निर्देश दिया है कि पाकिस्तान के साथ सीमा के 10 किलोमीटर क्षेत्र के भीतर के गांवों से लोगों को हटा दिया जाए। लेकिन हमारा कोई भी गांव :कच्छ के रण: की वजह से सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में नहीं है। हमारे गांव सीमा से करीब 25 किलोमीटर दूर हैं।’ राज्य के गृह विभाग ने भी समूची राज्य पुलिस को अलर्ट रहने को कहा है ताकि कोई भी भारत विरोधी तत्व हालात का फायदा नहीं उठा सके।
पटेल ने कहा, ‘हम राज्य के लोगों से भी अनुरोध करते हैं कि वो किसी भी संदिग्ध गतिविधि के संबंध में पुलिस या सरकार को अलर्ट करें और कानून व्यवस्था कायम रखने में राज्य की मदद करें।’ उन्होंने उरी आतंकवादी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करने के वादे को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।
इस बीच, मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा कि लक्षित हमला आतंक को माकूल जवाब है। रूपानी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘लक्षित हमले हमारे पड़ोसी द्वारा उकसाए गए छद्म लोगों को माकूल जवाब हैं। भारतीय सेना और नमो सरकार को मेरी तरफ से तहेदिल से बधाई।’’