हरियाणा : नन्हे हाथों से खुशी ने PM को लिखा ऐसा पत्र कि गांव की बदल गई तकदीर
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हरियाणा : नन्हे हाथों से खुशी ने PM को लिखा ऐसा पत्र कि गांव की बदल गई तकदीर

छोटी-छोटी अंगुलियों से तीसरी क्लास की खुशी ने प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा, तो उसके गांव की तकदीर ही बदल गई. 

तीसरी क्लास की खुशी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

फतेहाबाद : एक नन्ही बच्ची ने अपने गांव में ऐसी खुशियां लाई कि सब जगह उसकी चर्चा होने लगी, लोग उसे शाबाशी देने लगे. दरअसल, छोटी-छोटी अंगुलियों से तीसरी क्लास की खुशी ने प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र लिखा, तो उसके गांव की तकदीर ही बदल गई. उसके गांव की सड़क पक्की नहीं हैं, जिससे यहां के बच्चे दूर के स्कूलों में पढ़ने नहीं जा पाते हैं. कच्ची सड़कों के होने से स्कूल जाने में बहुत परेशानी होती है, लेकिन अब इस बच्ची के कारण गांव में पक्की सड़क बनेगी. जो काम गांव के बड़े लोग नहीं कर पाये, वो काम एक छोटी सी बच्ची ने कर दिखाया. 

  1. तीसरी क्लास की खुशी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
  2. पत्र का मिला जवाब- गांव की कच्ची सड़क अब पक्की बनेगी
  3. स्कूल जाने के लिए 3 किलोमीटर पैदल चलना होता था

17 जनवरी को नन्ही खुशी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

गौरतब है कि फतेहाबाद जिले के रत्ताटिब्बा गांव की तेजासिंह ढाणी की रहने वाली तीसरी कक्षा की नन्ही सी 'खुशी' ने अपने गांव की कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए देश के पीएम को अपनी कॉपी के पन्ने पर पेंसिल से 17 जनवरी को एक पत्र लिखा. 15 फरवरी को जब खुशी के पत्र का जवाब आया, तो गांव में खुशियां छा गई. 300 की आबादी वाले तेजासिंह ढाणी में 50 सालों से कच्ची सड़कें हैं. यहां के बच्चों को स्कूल जाने के लिए 3 किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ता है. पीएमओ की ओर से पीडब्लूडी-बीएंडआर विभाग को सड़क बनाने का आदेश दिया गया और इस आदेश के बाद गांव के लोगों में पक्की सड़कें बनने की उम्मीद जगी है. पीडब्लूडी-बीएंडआर विभाग ने कहा है कि रत्ताटिब्बा गांव में पक्की सड़क बनाने के लिए पीएमओ की ओर से पत्र मिला है, जिसके बाद विभाग ने काम शुरू करने का निर्णय लिया है.  

नन्हें पंख की ऊंची उड़ान 
जब गांव के ही कुछ लोगों ने कहा कि ऐसा नहीं होने वाला है, एक बच्ची के पत्र से कच्ची सड़क पक्की नहीं बनने वाली है, तो इसके जवाब में नन्ही खुशी ने कहा- 'कैंचियां क्या पर काटेगी हमारे हम पंखों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं'. मीडिया से बातचीत के दौरान बच्ची ने कहा कि मुझे अभी और आगे जाना है, अभी तो इस विकास की परीक्षा होनी बाकी है. वह प्रधानमंत्री के कार्यक्रम 'मन की बात' सुना करती थी और उससे उसे प्रेरणा मिलती थी. खुशी को विश्वास था कि अगर गांव के लोग पक्की सड़क बनाने की मांग करेंगे तो उस पर अवश्य कार्यवाई होगी.   

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दादा को अपनी नन्ही पोती पर गर्व
खुशी की इस उपलब्धि पर उसके दादा छोटू राम की आंखों में खुशी के आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि उसे अपनी पोती पर गर्व है. उन्होंने बताया कि इस काम के लिए खुशी काफी समय से जिद्द पर अड़ी थी कि वह प्रधानमंत्री महोदय को पत्र लिखेगी, क्योंकि उसने कई बार रेडियो पर प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम वह टेलीविजन पर उनका भाषण सुना है. इसलिए वह बार-बार कहती थी कि उसकी इस मांग पर अवश्य कार्रवाई होगी और ऐसा हो गया. दादा छोटू ने कहा कि हमें अपनी इस बेटी पर गर्व है और हमें लगता है कि हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को भी सार्थक किया है. 

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