हिमाचल चुनाव : धर्मशाला सीट- किशन कपूर vs सुधीर शर्मा
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हिमाचल चुनाव : धर्मशाला सीट- किशन कपूर vs सुधीर शर्मा

हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला विधानसभा सीट पर सातवीं दफा भाजपा के दिग्गज नेता किशन कपूर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं...

धर्मशाला विधानसभा सीट पर बीजेपी के किशन कपूर, जबकि कांग्रेस के सुधीर शर्मा मैदान में हैं...

नई दिल्ली/शिमला : हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला विधानसभा सीट पर इस बार जहां चार बार के पूर्व विधायक किशन कपूर पांचवीं बार भाजपा की तरफ से चुनाव मैदान में जीत के इरादे से उतरे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुधीर शर्मा दूसरी बार नामांकन दाखिल कर इसी सीट पर अपना दबदबा बरकरार रखना चाहते हैं.

किशन कपूर (बीजेपी) : इस सीट पर सातवीं दफा भाजपा के दिग्गज नेता किशन कपूर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं. बात करें पिछले छह चुनाव की, तो भाजपा के किशन कपूर अकेले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने लगातार इस सीट से चुनाव लड़ा और चार चुनाव में जीत दर्ज की. किशन कपूर भाजपा राज्य इकाई के दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. 1990 में पहली बार चुनाव जीतने वाले कपूर ने क्षेत्र में अपनी पैठ बना रखी है. कपूर भाजपा नीत सरकार में बतौर मंत्री रह चुके हैं. कपूर ने 1990, 1993,1998 और 2007 में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी. कपूर सातवीं बार धर्मशाला से चुनाव लड़ रहे हैं.

सुधीर शर्मा (कांग्रेस) : धर्मशाला विधानसभा से मौजूदा विधायक कांग्रेस नेता सुधीर शर्मा मैदान में हैं. उन्‍होंने भाजपा के दिग्गज नेता किशन कपूर को 2012 विधानसभा चुनाव में पटखनी देकर पार्टी में अपना वर्चस्व कायम किया, जिसका फायदा भी उन्हें मिला और सरकार में उन्हें शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री का पद दिया गया. सुधीर शर्मा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंडित संत राम के बेटे हैं और मूल रूप से बैजनाथ के रहने वाले हैं. पंडित संत राम अतीत में कांग्रेस सरकार में मंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे थे. शर्मा ने बाहरी होते हुए भी किशन कपूर के खिलाफ आसानी से चुनाव जीत लिया था. सुधीर 2003 और 2007 में बैजनाथ से विधायक चुने गए थे. 

इस सीट पर एक नज़र...

  • विधानसभा सीट संख्या-18 धर्मशाला.
  • कांगड़ा जिले और लोकसभा क्षेत्र का यह विधानसभा क्षेत्र अनारक्षित है.
  • कुल आबादी 136,586
  • कुल मतदाता- 71,359
  • धर्मशाला को अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है.
  • 1960 में जब दलाई लामा ने धर्मशाला में अपना अस्थायी मुख्यालय बनाया तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह क्षेत्र भारत के 'छोटे ल्हासा' के रूप में जाना जाने लगा.
  • 1905 में एक विनाशकारी भूकंप से तबाह होने के बाद इस क्षेत्र का पुनर्निर्माण किया गया.
  • यह स्थान एक सुंदर हेल्थ रिसॉर्ट और पर्यटन का महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र बन गया.
  • धर्मशाला में विशाल तिब्बती बस्तियां होने के कारण इस क्षेत्र को 'लामाओं की भूमि' के रूप में जाना जाता है.
  • धर्मशाला में हिंदू और जैन मंदिरों के साथ साथ अनेक मठ और शिक्षण केंद्र स्थित हैं.
  • धर्मशाला में बने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम ने नगर की शान को काफी हद तक बढ़ाने का काम किया है.
  • इसे स्मार्ट सिटी भी घोषित किया जा चुका है.
  • धर्मशाला को राज्य की 'दूसरी राजधानी' भी कहा जाता है.
  • इस विधानसभा क्षेत्र में कभी जाति समीकरण अपना प्रभाव नहीं छोड़ सके हैं.
  • इस विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है.
  • 1977 के बाद से अब तक हुए नौ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर छह बार जीत हासिल की है.
  • तीन बार क्षेत्र की सत्ता कांग्रेस के हाथ आई है.

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