हिमाचल चुनाव : पालमपुर सीट- आशीष बुटेल vs इंदु गोस्वामी
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हिमाचल चुनाव : पालमपुर सीट- आशीष बुटेल vs इंदु गोस्वामी

राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो पालमपुर अति विशिष्ट क्षेत्रों में से एक है. इस क्षेत्र की जनता ने हमेशा ही जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर मतदान किया है.

पालमपुर सीट पर कांग्रेस ने आशीष बुटेल, जबकि बीजेपी ने प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदु गोस्वामी को मैदान में उतारा है.

नई दिल्‍ली/शिमला : पालमपुर राजनीतिक दृष्टि से अति विशिष्ट क्षेत्रों में से एक माना जाता है. हिमाचल में शिक्षा हब के रूप में भी जाने जानी वाली इस विधानसभा सीट से कांग्रेस ने आशीष बुटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, भाजपा ने इस दफा प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदु गोस्वामी को टिकट दिया है.

आशीष बुटेल (कांग्रेस) : कांग्रेस ने पालमपुर विधानसभा सीट से आशीष बुटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. आशीष बुटेल हिमाचल विधानसभा स्पीकर और पालमपुर के मौजूदा विधायक बृज बिहारी लाल बुटेल के बेटे हैं. 39 वर्षीय आशीष बुटेल को अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे लेकर जाने की जिम्मेदारी दी गई है. यह सीट कांग्रेस के लिए काफी अहम है, क्‍योंकि उनके पिता आशीष बुटेल के पिता 11 बार विधायक रह चुके हैं.

बृज बिहारी लाल बुटेल के अलविदा कहने के बाद कांग्रेस ने उनके बेटे आशीष बुटेल को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया. आशीष का यह पहला चुनाव है. आशीष ने युवा कांग्रेस के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. आशीष प्रदेश कांग्रेस सचिव होने के साथ साथ ऊना व कुल्लू जिले के सह प्रभारी भी रह चुके हैं. बुटेल सूद बिरादरी से आते हैं. इस चुनाव में आशीष पर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का दबाव होगा.

दरअसल, बृज बिहारी लाल ने इस क्षेत्र से 1985,1993,1998,2003 और 2012 में चुनाव जीता था. 76 वर्षीय बुटेल स्वास्थ्य कारणों से चुनावी मैदान से बाहर है. सहकारिता आंदोलन से जुड़े बृज लाल ने समाज सेवा के रूप में अनूठी छाप छोड़ी. बृज राज्य में सरकार के अंदर कई मंत्रियों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. बृज लाल ने 9 जनवरी 2013 को विधानसभा अध्यक्ष का पदभार संभाला था.

इंदु गोस्वामी (बीजेपी) : भाजपा ने इस दफा प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदु गोस्वामी को मैदान में उतारकर कांग्रेस के लिए राह मुश्किल कर दी है. इंदू को टिकट मिलने के बाद प्रधानमंत्री ने पालमपुर में रैली कर उन्हें जीताने की अपील की थी. दरअसल, इंदु गोस्वामी का नाम हिमाचल भाजपा में काफी पुराना है. जब यहां बीजेपी की सरकार थी तब वो महिला आयोग की अध्यक्षा थीं. सूबे की महिलाओं को आगे लाने के लिए वो लंबे समय से संघर्षरत हैं. पिछले एक वर्ष में महिला मोर्चा की अध्यक्ष के रूप में उन्होंने तीन लाख से ज्यादा महिलाओं को पार्टी से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

भाजपा में इस सीट को लेकर काफी खींचतान भी चली, जिसके चलते पालमपुर हॉट सीट में तब्दील हो गई है. बता दें कि पालमपुर विधानसभा से लगातार तीन चुनाव लड़ चुके प्रवीण कुमार ने टिकट न मिलने के कारण पार्टी के खिलाफ चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. इन तीन चुनाव में दो बार कांग्रेस और एक बार उन्हें जीत मिली है.

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