हाई कोर्ट ने पूछा मल्टीप्लेक्स में घर का खाना ले जाने पर पाबंदी क्यों? जानिए सरकार का जवाब
Advertisement

हाई कोर्ट ने पूछा मल्टीप्लेक्स में घर का खाना ले जाने पर पाबंदी क्यों? जानिए सरकार का जवाब

कोर्ट ने ये भी कहा कि यदि आप थियेटर में लोगों घर का बना खाना लाने से रोकेंगे तो इसका मतलब है कि आप उन्हें जंक फूड खाने के लिए बाध्य कर रहे हैं.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: बांबे हाई कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया मल्टीप्लेक्स में बाहर का खाना ले जाने से सुरक्षा को खतरा कैसे हो सकता है. कोर्ट ने मल्टीप्लेक्स में लोगों को खाना साथ ले जाने की इजाजत देने की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बात कही. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि मल्टीप्लेक्स में खाना ले जाने की इजाजात देने से सुरक्षा का खतरा पैदा हो सकता है.

  1. मल्टीप्लेक्स में बाहर का खाना लाने पर सुनवाई. 
  2. बांबे हाई कोर्ट ने पूछा कि इसमें दिक्कत क्या है?
  3. मामले की अगली सुनवाई तीन सितंबर को होगी.

जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई की डिविजन बैंच ने जैनेंद्र बक्सी की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा, 'लोगों द्वारा लाया गया भोजन सुरक्षा के लिए खतरा कैसे बन सकता है, जबकि ये खाना वो अपने लिए लाए हैं.' कोर्ट ने ये भी कहा कि 'यदि आप थियेटर में लोगों घर का बना खाना लाने से रोकेंगे तो इसका मतलब है कि आप उन्हें जंक फूड खाने के लिए बाध्य कर रहे हैं.'

बेंच ने कहा, 'सिनेमा हॉल में आने वाले लोगों की जांच के लिए मेटल डिटेक्टर होते हैं. सरकार ने कहा है कि बाहर का खाना लाने से सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाएगा, लेकिन इसका कोई कारण नहीं बताया.' इससे पहले सरकार ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि बाहर का खाना लाने की इजाजात नहीं देनी चाहिए. हालांकि सरकार ने कहा था कि वो मल्टीप्लेक्स को निर्देश देगी कि पैकेज्ड फूड और पानी को एमआरपी पर ही बेचा जाए.

मल्टीप्लेक्स मालिकों की दलील 
मल्टीप्लेक्स ओनर्स एसोसिएशन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल चांग्ला ने कहा कि मल्टीप्लेक्स एक व्यवसाय है और वहां बेचे जा रहे सामान की कीमत को रेग्युलेट नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कल यदि लोगों कहेंगे कि वो रेस्टोरेंट में भी घर का खाना ले जाना चाहते हैं, तो क्या इसकी इजाजात दी जाएगी? इस पर बेंच ने कहा कि मल्टीप्लेक्स और थियेटर में खाने का सामान बेचना अतिरिक्त व्यवसाय है, न कि मुख्य व्यवसाय. जबकि रेस्टोरेंट का मुख्य व्यवसाय खाना बेचना है. इसलिए दोनों की तुलना नहीं की जा सकती.

अधिवक्ता आदित्य प्रताप ने बेंच को बताया कि जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट ने राज्य में खाना के सामान ले जाने की इजाजत दी है, जबकि मद्रास हाई कोर्ट ने इजाजत नहीं दी. बेंच को यह भी बताया गया कि इस तरह की याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल की गई है, जिस पर 10 अगस्त को सुनवाई होनी है. इसके बाद अदालत की कार्रवाई को तीन सितंबर तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया.

Trending news