एक फेसबुक पोस्ट का दावा है कि कोरोना वायरस टेस्टिंग किट आईसीएमआर द्वारा बढ़े हुए मूल्य पर खरीदे गए.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी से जूझ रहे देश को संकट से उबारने के लिए सरकार तरह-तरह के प्रयास कर रही है. एक तरफ इस बात पर मंथन चल रहा है कि लॉकडाउन (Lockdown) खोला जाए या नहीं तो अब दूसरी तरफ कोरोना वायरस टेस्ट किट (Testing Kit) पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की गलत जानकारियां भी साझा की जा रही हैं.
एक फेसबुक पोस्ट का दावा है कि कोरोना वायरस टेस्टिंग किट आईसीएमआर द्वारा बढ़े हुए मूल्य पर खरीदे गए. टेस्टिंग किट्स की कीमत से जुड़े इस सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने ICMR पर सवाल खड़े किए हैं. उदित राज के इस सवाल पर आईसीएमआर ने जवाब दिया है और ऐसी किसी भी जानकारी को गलत करार दिया है.
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उदित राज ने जिस पोस्ट के आधार पर आईसीएमआर से सवाल किया था उसमें दावा किया गया है कि कुछ कंपनियां टेस्टिंग किट कम कीमत में देने को तैयार थीं, लेकिन ये ठेका एक गुजराती कंपनी को दिला दिया गया, जो कई गुना ज्यादा कीमत में किट्स दे रही है.
दावा : हिन्दुस्तान अखबार ने रिपोर्ट किया है कि #Covid_19 के मद्देनज़र केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एलटीसी/लीव एनकैशमेंट/ ओटीए/ मेडिकल जैसी सुविधाओं में कटौती का सामना करना पड़ेगा#PIBFactCheck:सरकार द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। मीडिया रिपोर्ट गलत और निराधार है। (1/2) pic.twitter.com/cEhM59Javq
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 27, 2020
ICMR ने इस जानकारी को सिरे से खारिज किया है. पीआईपी फैक्टचेक ने इसका जवाब देते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि, 'ये फेक न्यूज है. आईसीएमआर ने जो कीमत तय की हैं उसके हिसाब से RT-PCR टेस्ट की कीमत 740-1150 के बीच और रेपिड टेस्ट की कीमत 528-795 रखी गई है. कोई भी टेस्ट 4500 रुपये में नहीं किया जा रहा है.'
इसके साथ ही ICMR ने कहा कि अगर कोई भारतीय कंपनी कम कीमतों में सप्लाई देना चाहती है तो उनका स्वागत है.
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