भारत-पाक सीमा पर हो रहे 'अवैध निर्माण' बन सकते हैं बड़ा खतरा, मनरेगा के तहत जारी हुई थी राशि
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भारत-पाक सीमा पर हो रहे 'अवैध निर्माण' बन सकते हैं बड़ा खतरा, मनरेगा के तहत जारी हुई थी राशि

भारत-पाक सीमा पर हो रहे इस निर्माण कार्य के लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई थी.

धार्मिक स्थलों के निर्माण की आड़ में सीमा सुरक्षा को खतरा, सुरक्षा में खतरा बन सकते हैं सीमा पर अवैध निर्माण

जैसलमेर: जैसलमेर के भारत-पाक सीमा के नजदीक और अन्य सीमावर्ती इलाकों में नियम विरुद्ध सुनियोजित तरीके से एक विशेष समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध धार्मिक निर्माण राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं बगैर अनुमति और बेरोकटोक बन रहे इन निर्माण कार्यों के संबंध में सीमा सुरक्षा बल व सीमाजन कल्याण समिति ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह निर्माण राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं. खासकर शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा से मात्र 3 किलोमीटर दूरी पर हुए एक बड़े धार्मिक निर्माण पर हर साल हजारों की तादाद में जुटने वाले लोगों में कुख्यात तस्करों और राष्ट्रविरोधी तत्वों के आने की संभावना के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल ने यह मामला कुछ दिन पूर्व हुई इंटेलीजेंस की बैठक में प्रमुखता से उठाया है और जिला कलेक्टर को भी इस संबंध में सूचित किया है. इसके अलावा सीमाजन कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री को सीमाई इलाकों में हो रहे इस तरह के धार्मिक निर्माणों के संबंध में पत्र भी लिखा है.

  1. सीमा से महज 3 किलोमीटर पहले हो रहा था अवैध निर्माण, जिला प्रशासन ने रुकवाया.
  2. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को इन अवैध निर्माणों को लेकर लिखी जा चुकी है चिट्ठी.
  3. पुलिस अधीक्षक ने मानी अवैध निर्माण की बात, बोले- खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट आई थी.

सीमा से महज 3 किलोमीटर पहले हो रहा था अवैध निर्माण
जिले की सीमावर्ती हरनाउ ग्राम पंचायत के मांधला इलाके में जो कि सीमा से महज 3 किलोमीटर दूर है पिछले कुछ सालों में बने एक समुदाय विशेष के धार्मिक स्थल पर पिछले दिनों कुछ नए निर्माण कार्य करवाया गया था. जिला प्रशासन को जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार के साथ पुलिस को मौके पर भेजकर मामले की जांच करवाई जिसमें प्रथम दृष्टया निर्माणकार्य अवैध पाया गया. जिसके बाद प्रशासन द्वारा काम को तत्काल रुकवाने का नोटिस जारी किया गया. वहीं जिला कलक्टर के.सी. मीणा ने बताया कि किसी भी धार्मिक स्थल पर निर्माण करने से पहले जिला कलक्टर से अनुमति लेनी होती है लेकिन भारत-पाक सीमा पर हो रहे इस निर्माण कार्य के लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई थी. लिहाजा निर्माण कार्य को बंद करवा कर संबंधित व्यक्तियों को आगे निर्माण नहीं करने के लिये पाबंद भी किया गया है.

परमिशन चारदिवारी की और बनवा डाला कुछ और...
जिला कलेक्टर के.सी. मीणा ने यह भी बताया कि इस धार्मिक स्थल पर हो रहा निर्माण कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कराए जाने की बात भी सामने आई है. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा नरेगा में कब्रिस्तान की चारदिवारी के नाम से कार्य स्वीकृत करवाया गया था और उसके एवज में इस धार्मिक स्थल पर धर्मशाला जैसा परिसर बनाने का कार्य मौके पर किया जा रहा था. उपखण्ड अधिकारी और तहसीलदार को इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई है जिसमें कार्य की स्वीकृति से लेकर मौके पर हो रहे गलत निर्माण कार्य में कौन लोग शामिल हैं इसकी जांच की जाएगी और जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी.

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ऐसे शुरू होता है ये अवैध धार्मिक निर्माण
सीमा सुरक्षा बल ने भी सीमावर्ती इलाकों में हो रहे निर्माणों का मुद्दा गत दिनों सभी सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों की समन्वय बैठक लीड इंटेलीजेन्स एजेंसी की बैठक में उठाया. इस बैठक में बीएसएफ द्वारा बताया गया कि खास कर सीमाई इलाकों में सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां अवैध धार्मिक निर्माण करने का सुनियोजित तरीका अपनाया जा रहा है. इन क्षेत्रों में सड़कों के दोनों तरफ कुछ क्षेत्र को पहले तारबंदी से घेरा जाता है बाद में वहां से गुजरने वाले वाहनों द्वारा पत्थर फेंके जाते हैं फिर धीमे-धीमे विशेष प्रकार का धार्मिक निर्माण शुरू हो जाता है और उस पर बाकयदा बोर्ड लगाए जाते हैं.

गौरतलब है कि इस धार्मिक संस्थान पर हर 3-4 महिनों में एक विशेष समुदाय के हजारों लोग उमड़ते हैं तथा सैकड़ों गाड़ियां वहां पर बीएसएफ के 2-2 गेट से गुजरते हुए वहां पहुंचती है. सीमा के बिलकुल नजदीक इतनी बड़ी तादाद में जमावड़े पर स्थानीय खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी चिंता व्यक्त की है. कई खुफिया एजेंसियों ने भी केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट में इस संबंध में जानकारी दी है कि यह धार्मिक निर्माण देश की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है और तो और इस भव्य निर्माण पर करोड़ों रूपए की राशि खर्च की गई है आखिर यह सवाल उठता है कि इतनी बड़ी राशि कहां से लाई गई.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लिखी जा चुकी है चिट्ठी
सीमाजन कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्य की मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित नियमों के हो रहे उल्लंघन से अवगत कराते हुए आतंरिक व सीमा सुरक्षा को लेकर तैयार प्रस्तावों की स्वीकृति का आग्रह किया है. समिति के जिला मंत्री शरद व्यास ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान की 1044 किलोमीटर की पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित घुसपैठ, जासूसी और अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है. विगत डेढ़ वर्ष में पाकिस्तान को हमारी सामरिक सूचनाएं भेजते हुए करीब 52 जासूस और पुराने तस्कर सीमा क्षेत्रों में पकड़े जा चुके हैं. इसीलिए राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अग्रलिखित कानूनों की पालना और विभिन्न प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान कराने का अनुरोध किया गया है.

राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा है ये अवैध निर्माण
व्यास ने बताया कि जैसलमेर के सीमावर्ती इलाकों में राजस्व एवं गैर राजस्व गांवों में अनाधिकृत रुप से धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया जा रहा है. जो राज्य धर्म स्थल विधेयक की मूल भावना के खिलाफ है. जबकि जैसलमेर अंतराष्ट्रीय सीमा से सटे मांधला गांव में बिना प्रशासन की अनुमति के एक विशेष समुदाय के निर्मित धार्मिक स्थल के निर्माण की जांच विचाराधीन है. सीमा के इतने करीब कराया गया यह धार्मिक निर्माण राष्ट्र की सुरक्षा के लिये कभी भी खतरा बन सकता है. बड़े पैमाने पर यहां पर लोगों की आवाजाही देश की सुरक्षा में सुराख बन सकती है.

पुलिस अधीक्षक ने मानी अवैध निर्माण की बात
इस पूरे मामले पर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक गौरव यादव का कहना है कि उनके पास खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट आई थी कि सीमा क्षेत्र में धार्मिक स्थल के नाम पर अवैध निर्माण कार्य हो रहा है जिस पर जिला प्रशासन के निर्देशन में कार्यवाही करते हुए उस निर्माण कार्य को फिलहाल रुकवा दिया गया है और संबंधित लोगों को पाबंद भी किया गया है. उन्होंने माना कि प्रथम दृष्टया जिस तरह से निर्माण हो रहा था वह अवैध लग रहा था बाकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

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