इमरान खान अपने घर से सरकारी आवास आने-जाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि ये दूरी महज 15 किलोमीटर की है. हेलीकॉप्टर से घर आनेजाने के लिए ट्विटर पर लोग उनका मजाक उड़ा रहे हैं.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान में आजकल सोशल मीडिया पर वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान के हेलीकॉप्टर प्रेम के लिए मजाक उड़ाया जा रहा है. दरअसल इमरान खान अपने घर से सरकारी आवास आने-जाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि ये दूरी महज 15 किलोमीटर की है. हेलीकॉप्टर से घर आनेजाने के लिए ट्विटर पर लोग उनका मजाक उड़ा रहे हैं और आलोचना भी कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने वीआईपी कल्चर को खत्म करने का वादा किया था. जब खुद उन्हें इतनी सुख-सुविधाएं चाहिए तो वो ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के खर्च पर कैसे लगाम लगा पाएंगे.
आलोचनाओँ के जवाब में पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि उनके हेलीकॉप्टर से आने जाने का खर्च सड़क से आने जाने से भी कम है. एक प्रेस कॉन्फ्रैंस में उन्होंने दावा किया कि इमरान खान के हेलीकॉप्टर से आने जाने का खर्च 55 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोमीटर है. इसके बाद लोग आश्चर्य कर रहे हैं कि हेलीकॉप्टर का सफर इतना सस्ता कैसे हो सकता है. इसके बाद #Helicopter पाकिस्तान में टॉप ट्विटर ट्रेंड बन गया.
अजीब दावा किया
ये सवाल बना हुआ है कि पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने किस आधार पर कहा कि हेलीकॉप्टर के सफर की लागत 55 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलोमीटर है. इस बारे में बीबीसी उर्दू ने अपनी रिसर्च में पाया कि इमरान खान अगस्ता वेस्टलैंड AW139 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी लागत 1,600 रुपये प्रति किलोमीटर है. इसमें हेलीकॉप्टर के रखरखाव से जुड़े दूसरे खर्चों को शामिल नहीं किया गया है. ये आंकड़ा चौधरी द्वारा बताए गए 55 रुपये से बहुत अधिक है.
इसके बाद इमरान खान के बचाव में उनके समर्थक कुछ दूसरे तर्क खोज रहे हैं. लोगों का कहना है कि इमरान खान की सुरक्षा को देखते हुए उनका हेलीकॉप्टर से आना जाना सुरक्षित है. कुछ लोगों का कहना है कि सड़क से जाने पर आम लोगों को भी परेशानी होगी. इस तरह उनके प्रधानमंत्री के इस फैसले से आम लोगों की आवाजाही पर भी कोई असर नहीं पड़ता.
चौधरी ने भी इस बात का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि इमरान खान के आने जाने के लिए दो विकल्प हैं - सड़क से या हेलीकॉप्टर से. सड़क से जाने पर ट्रैफिक जाम होगा और लोग परेशान होंगे. उन्होंने कहा कि वीआईपी कल्चर और सुरक्षा प्रोटोकॉल में अंतर है. इसे वीआईपी कल्चर नहीं कहा जा सकता.