क्या 2015 के अंत में खत्म हो जाएगी धरती?
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क्या 2015 के अंत में खत्म हो जाएगी धरती?

'ग्लोबल वार्मिंग' को लेकर कई तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं। इसको 21वीं शताब्दी का सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग को क्षुद्रग्रह (एस्टेरोइड) को पृथ्वी से टकराने से भी बड़ा खतरा माना जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग को सिर्फ जागरूकता फैलाकर ही रोका जा सकता है। इसके लिए पृथ्वी को सही मायनों में 'ग्रीन' बनाना होगा। आर्कटिक में पिघलती हुई बर्फ, चटकते ग्लेशियर, अमेरिका में भयंकर तूफानों की आमद बता रही है कि हम 'मौसम परिवर्तन' के दौर से गुजर रहे हैं।

क्या 2015 के अंत में खत्म हो जाएगी धरती?

नई दिल्ली: 'ग्लोबल वार्मिंग' को लेकर कई तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं। इसको 21वीं शताब्दी का सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग को क्षुद्रग्रह (एस्टेरोइड) को पृथ्वी से टकराने से भी बड़ा खतरा माना जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग को सिर्फ जागरूकता फैलाकर ही रोका जा सकता है। इसके लिए पृथ्वी को सही मायनों में 'ग्रीन' बनाना होगा। आर्कटिक में पिघलती हुई बर्फ, चटकते ग्लेशियर, अमेरिका में भयंकर तूफानों की आमद बता रही है कि हम 'मौसम परिवर्तन' के दौर से गुजर रहे हैं।

21वीं शताब्दी में पृथ्वी का तापमान 3 से 8 डिग्री तक बढ़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इसके परिणाम बहुत घातक होंगे।

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