सीमा के करीब तैनात की जाएंगी एयर डिफेंस सिस्टम यूनिट, जानिए कैसी है सेना की तैयारी
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सीमा के करीब तैनात की जाएंगी एयर डिफेंस सिस्टम यूनिट, जानिए कैसी है सेना की तैयारी

शीर्ष सूत्रों ने कहा कि इन एयर डिफेंस यूनिट्स को सीमा के करीब तैनात करने से हम दुश्मन की तरफ से किसी भी संभावित हवाई हमले से निपटने में सक्षम होंगे और सीमा के करीब ही इसे नाकाम कर देंगे. 

भारतीय सेना के इस एयर डिफेंस यूनिट्स में स्वदेश में निर्मित वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली 'आकाश' के साथ रूस में निर्मित क्वादार्ट (Kvadrat) मिसाइल और अन्य पुरानी प्रणालियां शामिल हैं.

नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ हालिया विवादों की गहन आंतरिक समीक्षा के बाद भारतीय सेना अब अपनी कई एयर डिफेंस यूनिट को सीमा पर तैनात करने की योजना बना रही है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से किए जा सकने वाले हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना यह फैसला लेगी. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सेना के शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि कुछ एयर डिफेंस सिस्टम के साथ कई सैन्य टुकड़ियों को भी सीमा के करीब भेजा जा रहा है.  

भारतीय वायुसेना ने कुछ माह पहले ही बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर एयर स्ट्राइक की थी. इसके बाद पाकिस्तान ने सीमा पार करने की कोशिश करते हुए हवाई हमला करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने विफल कर दिया था. इन घटनाओं के बाद से ही महसूस किया जा रहा था कि सीमा पर एयर डिफेंस यूनिट की तैनाती की जानी चाहिए.

 

शीर्ष सूत्रों ने कहा कि इन एयर डिफेंस यूनिट्स को सीमा के करीब तैनात करने से हम दुश्मन की तरफ से किसी भी संभावित हवाई हमले से निपटने में सक्षम होंगे और सीमा के करीब ही इसे नाकाम कर देंगे. उन्होंने कहा कि  जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में तैनात एयर डिफेंस यूनिट्स के स्थानों की सेना ने समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि यह महसूस किया गया है कि उनमें से कई को सीमाओं के करीब दुश्मन के हवाई हमलों को विफल करने के लिए आगे के स्थानों पर ले जाया जा सकता है.

भारतीय सेना के इस एयर डिफेंस यूनिट्स में स्वदेश में निर्मित वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली 'आकाश' के साथ रूस में निर्मित क्वादार्ट (Kvadrat) मिसाइल और अन्य पुरानी प्रणालियां शामिल हैं. इसके साथ ही सेना ने डीआरडी-इजरायल के संयुक्त प्रयास से बनाई जा रही आधुनिक एमआर-एसएएम (MR-SAM) रक्षा प्रणाली प्राप्त की भी जल्द तैनाती करने की योजना बनाई है. उ्म्मीद की जा रही है कि यह रक्षा प्रणाली जल्द ही भारत को मिल जाएगी. 

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