इंडोनेशिया में भारतीय को आखिरी समय में नहीं दी गई मौत की सजा : स्वराज
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इंडोनेशिया में भारतीय को आखिरी समय में नहीं दी गई मौत की सजा : स्वराज

इंडोनेशिया में मादक पदार्थ की तस्करी के आरोपों में गुरुवार रात मृत्यु दंड की सजा पाने जा रहे भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत उसकी मौत की सजा को रोकने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की भी तलाश कर रहा है।

इंडोनेशिया में भारतीय को आखिरी समय में नहीं दी गई मौत की सजा : स्वराज

नई दिल्ली : इंडोनेशिया में मादक पदार्थ की तस्करी के आरोपों में गुरुवार रात मृत्यु दंड की सजा पाने जा रहे भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह को मौत की सजा नहीं दी गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत उसकी मौत की सजा को रोकने के लिए सभी कानूनी विकल्पों की भी तलाश कर रहा है।

स्वराज ने ट्विटर पर कहा, ‘इंडोनेशिया में भारत के राजदूत ने मुझे सूचित किया है कि गुरदीप सिंह जिसकी मृत्यु दंड की तारीख कल के लिए मुकर्रर थी, उसे मौत की सजा नहीं दी गई है।’ हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय को क्यों मौत की सजा नहीं दी गई जबकि चार अन्य दोषियों की सजा पर फायरिंग दस्ते ने तामील की।

सूत्रों ने बताया कि सरकार 48 वर्षीय सिंह की मौत की सजा को रोकने के लिए सभी कानूनी विकल्प तलाश रही है। वह उन 10 दोषियों में शामिल है, जिनकी मौत की सजा पर तामील नहीं की गई।

सिंह को इंडोनेशियाई अदालत ने 300 ग्राम हेरोइन की तस्करी करने का दोषी पाया था और उसे 2005 में मौत की सजा सुनाई थी।

इंडोनेशियाई सरकार से सिंह पर दया करने की गुहार लगाते हुए सिंह की पत्नी कुलविंदर कौर ने कहा कि उसने 14 साल जेल में बिताए हैं और उसके अपराध के लिए यह पर्याप्त दंड है और उसे वापस भेजा जाना चाहिए।

कौर ने जालंधर में कहा, ‘मैंने उससे आज सुबह दो बार बात की और उसने कहा कि वह ठीक है। उसकी मौत की सजा को आखिरी क्षण में रोक दिया गया और फायरिंग दस्ते ने चार अन्य की मौत की सजा पर तामील की।’ 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कल कहा था कि जकार्ता में भारतीय दूतावास के अधिकारी इंडोनेशियाई विदेश कार्यालय और देश के वरिष्ठ नेतृत्व से संपर्क कर रहे हैं। स्वरूप ने कहा था, ‘सिंह के वकील अफधाल मुहम्मद की राय थी कि वह इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के समक्ष प्रासंगिक कानून के तहत राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सकते हैं। दूतावास ने इंडोनेशिया सरकार को एक पत्र भेजा और अनुरोध किया कि मौत की सजा से पहले सारे कानूनी विकल्प समाप्त होने चाहिए।’ पंजाब में जालंधर का रहने वाला सिंह उन 14 लोगों में शामिल है जो अधिकारियों के मृत्युदंड को बहाल करने का फैसला करने के बाद मौत की सजा का सामना कर रहा था। इस फैसले की मानवाधिकार संगठनों ने आलोचना की है।

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