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नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सरकार के बीच चल रही तीन दिवसीय बैठक में आंतरिक सुरक्षा के व्यापक मुद्दे छाये रहे जिसमें जम्मू कश्मीर और नक्सल समस्या से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
ऐसा समझा जाता है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के कदमों को समझाया है जबकि आरएसएस पदाधिकारियों ने हाल में हुए आतंकवादी हमले और पाकिस्तान की ओर से संघषर्विराम उल्लंघनों में हुई बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी सरकार, भाजपा और आरएसएस एवं उससे संबंधित 15 संगठनों के बीच चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने सुरक्षा स्थिति पर अपना नजरिया और सीमापार से होने वाले संघर्षविराम उल्लंघनों से मुकाबले के लिए उठाये गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
सिंह ने सरकार की ओर से एनएससीएन (आईएम) के साथ किये गए नगा शांति संधि रूपरेखा को चर्चा के लिए उठाया और सूत्रों के अनुसार बैठक में हिस्सा लेने वाले कई प्रतिभागियों ने इसकी प्रशंसा की।
दोनों वरिष्ठ नेताओं के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने भी आज बैठक में हिस्सा लिया जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल थे। इस बैठक में शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में कल हिस्सा लेंगे जिस दौरान वह चर्चा के दौरान उठाये गए मुद्दों पर विमर्श कर सकते हैं। इसके साथ ही संघ के शीर्ष पदाधिकारियों की ओर से उन्हें फीडबैक दिया जा सकता है।
सभी प्रमुख मंत्रियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया है और आरएसएस एवं उसके संबद्ध संगठनों की ओर से उठाये गए मुद्दों पर उठाये गए कदमों के बारे में जानकारी दी है।