इशरत जहां मामला : पूर्व डीजी वंजारा ने किया अदालत से आरोपमुक्त करने का अनुरोध
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इशरत जहां मामला : पूर्व डीजी वंजारा ने किया अदालत से आरोपमुक्त करने का अनुरोध

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व आई डीजी वंजारा द्वारा खुद को आरोपमुक्त किए जाने के लिये दायर अर्जी पर एक विशेष अदालत ने सीबीआई को एक नोटिस जारी किया है.

सीबीआई को नोटिस जारी कर 28 मार्च तक जवाब मांगा है (फोटो साभार- India.com)

अहमदाबादः इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा द्वारा खुद को आरोपमुक्त किए जाने के लिये दायर अर्जी पर एक विशेष अदालत ने सीबीआई को एक नोटिस जारी किया है. विशेष सीबीआई जज जेके पांडया ने सोमवार (12 मार्च) को सीबीआई को नोटिस जारी कर 28 मार्च तक जवाब मांगा है. इस मामले के मुख्य आरोपियों में शामिल वंजारा ने अपनी अर्जी में कहा है कि जांच एजेंसी द्वारा दाखिल आरोपपत्र मनगढ़ंत है और उनके खिलाफ मुकदमा योग्य कोई चीज नहीं है.

  1. पूर्व आई डीजी वंजारा ने खुद को आरोपमुक्त किए जाने के लिये अर्जी दायर की थी
  2. दायर अर्जी पर एक विशेष अदालत ने सीबीआई को एक नोटिस जारी किया है
  3. सीबीआई को नोटिस जारी कर 28 मार्च तक जवाब मांगा है

पूर्व डीआईजी ने गुजरात पुलिस के पूर्व प्रभारी महानिदेशक पीपी पांडे को मामले से आरोपमुक्त किए जाने के आधार पर खुद को आरोपमुक्त किए जाने का अनुरोध किया. वंजारा ने कहा कि सीबीआई द्वारा दर्ज किए गये गवाहों के बयान बहुत ही संदिग्ध है. प्रथम दृष्टया यह साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि उनके चैम्बर में रची गई साजिश के परिणामस्वरूप मुठभेड़ हुई, जैसा कि आरोपपत्र में दावा किया गया है.

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उन्होंने अर्जी में कहा है कि चूंकि राजनीतिक मंसूबों से जांच का हस्तांतरण कर दिया गया, इसलिए सीबीआई ने समूचे बयान को तोड़ मरोड़ दिया. इसमें कहा गया है कि यहां तक कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को आरोपी बनाने की कोशिश में जांच एजेंसी ने उनसे पूछताछ की.

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गौरतलब है कि मुंबई की 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, अमजदअली अकबरअली राणा और जीशान जोहर15 जून 2004 को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में एक कथित मुठभेड़ में मारे गए थे.

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