जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन पर अनिश्चय बरकरार, बीजेपी और पीडीपी के बीच बातचीत शुरू
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जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन पर अनिश्चय बरकरार, बीजेपी और पीडीपी के बीच बातचीत शुरू

जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर अनिश्चय की स्थिति बरकरार है। इस बीच खबर आई है कि सरकार गठन को लेकर बीजेपी और पीडीपी के बीच बातचीत शुरू हो गई है। भाजपा जहां राज्य की मुख्यधारा के दलों के साथ भागीदार की तलाश कर रही है, वहीं नेशनल कांफ्रेंस ने भगवा दल के साथ गठबंधन करने की संभावना से इनकार कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन पर अनिश्चय बरकरार, बीजेपी और पीडीपी के बीच बातचीत शुरू

श्रीनगर/नई दिल्‍ली : जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर अभी भी अनिश्चय की स्थिति बरकरार है। हालांकि, इस बीच खबर यह भी आई है कि सरकार गठन को लेकर बीजेपी और पीडीपी के बीच बातचीत शुरू हो गई है। भाजपा जहां राज्य की मुख्यधारा के दलों के साथ भागीदार की तलाश कर रही है, वहीं नेशनल कांफ्रेंस ने भगवा दल के साथ गठबंधन करने की संभावना से वस्तुत: इनकार कर दिया है। दूसरी ओर, जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए अपने पास कई विकल्प होने का जिक्र करते हुए भाजपा ने कहा कि वह राज्य में ‘वीटो पावर’ रखती है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जम्‍मू कश्‍मीर में सरकार बनाने की कवायद से नेशनल कांफ्रेंस अब बाहर हो गई है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि सरकार गठन को लेकर बीजेपी और पीडीपी के बीच बातचीत शुरू हो गई है। मुख्‍यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों के बीच बातचीत हुई है। रोटेशन के आधार पर दोनों दलों का सीएम हो सकता है। पीडीपी नेता मुजफ्फर बेग ने बीजेपी नेता राम माधव से मुलाकात की है। हालांकि पीडीपी का कहना है कि महबूबा मुफ्ती छह साल के लिए मुख्‍यमंत्री बनें।

जेएंडके में विधानसभा चुनावों में दो सबसे बड़ी पार्टियां बनकर उभरी पीडीपी और भाजपा ने गुरुवार रात से सरकार बनाने पर यहां बातचीत शुरू की। जम्मू से गुरुवार शाम यहां आए भाजपा के महासचिव राम माधव ने पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग से दो अलग अलग दौर में बातचीत की। पहले दौर की बातचीत बेग के आवास जबकि दूसरे दौर की बातचीत एक होटल में हुई जहां माधव ठहरे हुए हैं। माधव ने घाटी के अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ गुरुवार शाम श्रीनगर में कई बैठकें कीं। इससे पहले वह जम्मू में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में शामिल हुए। बेग ने इससे पहले कहा था कि भाजपा और पीडीपी नेतृत्व को सरकार बनाने को लेकर एक दूसरे से बात करनी चाहिए।

पीडीपी प्रवक्ता समीर कौल ने कहा कि सरकार गठन के लिए भाजपा के साथ संवाद का रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ बातचीत जारी है और अभी हम शुरूआती चरण में हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के साथ बारी बारी से दोनों दलों के मुख्यमंत्री पर पीडीपी सहमति होगी, कौल ने कहा कि इस समय नहीं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 जैसे खास मुद्दे हैं जिनके तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है और उन पर पीडीपी समझौता नहीं करेगी। पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि अगले तीन चार दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सजाद लोन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फंट्र के अध्यक्ष हकीम मुहम्मद यसीन सहित कई अन्य नेताओं ने भी माधव से मुलाकात की।

गौर हो कि भाजपा 25 विधायकों के साथ 87 सदस्यीय विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उसने 15 विधायकों वाले नेकां के साथ पहले गठबंधन के विकल्प को तलाशने का प्रयास किया था। माना जा रहा है कि दोनों दलों के नेतृत्व के बीच विचार विमर्श भी हुआ, लेकिन उसमें कोई बात नहीं बन सकी। इस बात को लेकर लगातार खबरें आ रही हैं कि निवर्तमान मुख्यमंत्री एवं नेकां के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ गुरुवार रात मुलाकात की थी, लेकिन भाजपा ने इससे इंकार किया था।

नेकां के एक वरिष्ठ नेता ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उनकी पार्टी के भाजपा के साथ मूलभूत मतभेद हैं तथा नेकां के भाजपा से हाथ मिलाने की संभावना लगभग शून्य है। यह बात उमर की उस संक्षिप्त टिप्पणी से उभरी है जिसमें उन्होंने नेकां के चिर प्रतिद्वंद्वी पीडीपी को समर्थन की चौंका देने वाली पेशकश करके की थी और वह पीडीपी के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीडीपी को की गयी पेशकश गंभीर है और इसे हल्के में नहीं किया गया। अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह पेशकश पर फैसला करें।

 

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