कश्मीरियत के नाम पर महागठबंधन बनाते हुए पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कुछ निर्दलीय आपस में हाथ मिलाकर सरकार बना सकते हैं.
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जम्मू-कश्मीर में बीजेपी द्वारा गठबंधन साथी पीडीपी से समर्थन खींचने के बाद महबूबा मुफ्ती सरकार गिर गई है. इस सूरतेहाल में अब सरकार बनाने के लिए क्या विकल्प हो सकते हैं? फिलहाल मौजूदा सियासी परिस्थितियों को देखते हुए चार विकल्पों के द्वारा ही राज्य में सरकार बनाई जा सकती है. उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें हैं. इनमें से बहुमत के लिए 44 सीटों की दरकार है. इस वक्त पीडीपी के पास 28, बीजेपी के 25, नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 और कांग्रेस के पास 12 सीटें हैं. आइए डालते हैं इन विकल्पों पर एक नजर:
1. मौजूदा हालात को देखते हुए स्थायी सरकार तभी संभव है जब बीजेपी विरोध के नाम पर पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस आपस में हाथ मिला लें. हालांकि फिलहाल ऐसी सूरतेहाल इसलिए नहीं दिखती क्योंकि कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह पीडीपी को समर्थन नहीं देगी. उमर अब्दुल्ला ने भी राज्यपाल के साथ मुलाकात के बाद कहा कि 2014 में जब चुनाव हुए थे, तब भी हमारे पास जनादेश नहीं था और अब भी जनादेश नहीं है. लिहाजा हम न ही किसी को समर्थन देंगे और न ही किसी से हमारी बातचीत चल रही है.
2. कश्मीरियत के नाम पर महागठबंधन बनाते हुए पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कुछ निर्दलीय आपस में हाथ मिलाकर सरकार बना सकते हैं.
3. यदि कोई पार्टी सरकार बनाने का दावा नहीं करती तो विधानसभा को भंग किया जा सकता है और राज्य में गवर्नर शासन लगाया जा सकता है.
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राम माधव की घोषणा
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीडीपी के बीच गठबंधन टूटने की घोषणा बीजेपी महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने की. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि घाटी के हालातों को देखते हुए गठबंधन में रहना सही नहीं है. वहीं, राज्य के उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने भी कहा है कि मैंने और हमारे सभी मंत्रियों-विधायकों ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेज दिया है. इसके बाद राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया.
राम माधव ने कहा कि राज्य में भाजपा का पीडीपी को अब समर्थन देना संभव नहीं है. हमने राज्य सरकार में हमारे उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और अन्य सभी मंत्रियों से चर्चा की. सबकी सहमति से निर्णय लिया गया है जम्मू-कश्मीर में भाजपा अपनी भागीदारी को वापस लेगी. इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा से मिले हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने के लिए दिल्ली में चर्चा तेज हो गई है.