जेएनयू बलात्कार मामला: यूनिवर्सिटी ने आरोपी छात्र को किया सस्पेंड
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जेएनयू बलात्कार मामला: यूनिवर्सिटी ने आरोपी छात्र को किया सस्पेंड

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने साथी छात्रा के साथ बलात्कार के आरोपी पीएचडी छात्र को निलंबित कर दिया है और जांच होने तक परिसर में उसके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी है। छात्रों और शिक्षकों के प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया गया है।

नयी दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने साथी छात्रा के साथ बलात्कार के आरोपी पीएचडी छात्र को निलंबित कर दिया है और जांच होने तक परिसर में उसके प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी है। छात्रों और शिक्षकों के प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया गया है।

जेएनयू की 28 वर्षीय शोध छात्रा ने आरोप लगाया था कि साथी छात्र अनमोल रतन ने 20 अगस्त को विश्वविद्यालय परिसर में अपने छात्रावास के कमरे में उसे नशीला पेय पिलाकर उसके साथ बलात्कार किया। अनमोल वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) से जुड़ा था और इस संगठन ने भी उसे निष्कासित कर दिया है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अनमोल शुरू में गिरफ्तारी से बचता रहा लेकिन बाद में 24 अगस्त को उसने समर्पण कर दिया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

निलंबन आदेश के अनुसार, ‘मामले की गंभीरता को देखते हुए और महिलाओं पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के अनुरूप अनमोल रतन को मामले में जांच पूरी होने तक तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया है।’ आदेश में कहा गया, ‘निलंबन के दौरान अनमोल रतन के लिए पूरे जेएनयू परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। अगर किसी को भी परिसर में किसी छात्रावास में अनमोल को शरण देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।’ इससे पहले छात्रों और शिक्षकों ने अनमोल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी ताकि परिसर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करने का कड़ा संदेश प्रेषित किया जा सके।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ लैंगिक संवेदनशीलता समिति (जीएससीएएसएच) को भी मामले की जांच करने को कहा है। विश्वविद्यालय की यह समिति इस तरह की शिकायतों के मामले में पड़ताल करती है। बलात्कार का यह मामला जेएनयू परिसर में राजनीतिक एजेंडा का केंद्रबिंदु बन गया है जहां अगले पखवाड़े छात्रसंघ चुनाव होने हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े छात्र संगठन चुनाव से पहले इस मुद्दे का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

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