पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफीसर कमांडिंग वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा ने संवाददाताओं से कहा कि कलवरी के विस्तृत समुद्री परीक्षण के बाद इसी महीने बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है.
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मुंबई: पोत निर्माता ‘मझगांव डॉक लिमिटेड’ द्वारा भारतीय नौसेना को सौंपी गयी स्कोर्पीन श्रेणी की छह पनडुब्बियों में से एक कलवरी इस महीने बेड़े में शामिल होगी. पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैग ऑफीसर कमांडिंग वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा ने संवाददाताओं से कहा कि कलवरी के विस्तृत समुद्री परीक्षण के बाद इसी महीने बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कलवरी के करीब 120 दिन विस्तृत समुद्री अभ्यास और विभिन्न उपकरणों के लिए परीक्षण हुए हैं.
भारत की एकमात्र परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी हुई क्षतिग्रस्त
वहीं भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शुक्रवार को कहा कि नौसना की एकमात्र परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी आईएनएस चक्र को नुकसान पहुंचा है और इस संबंध में बोर्ड ऑफ इनक्वायरी का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘उसके विशेष उपकरण सोनार गुंबदों को कुछ नुकसान पहंचा है जहां दो पैनल अपनी जगह से हट गये हैं. बोर्ड ऑफ इनक्वायरी स्थापित की गयी है.’’ आईएनएच चक्र परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी है जिसे भारत ने वर्ष 2012 में रुस से 10 साल की लीज पर लिया था.
लांबा ने कहा, ‘‘भारतीय और रुसी विशषेज्ञों के एक दल ने इस पनडुब्बी का परीक्षण किया. हम पहले ही पैनलों का आर्डर कर चुके हैं.’’