1984 सिख विरोधी दंगों वाले बयान पर कन्हैया ने बदला अपना सुर
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1984 सिख विरोधी दंगों वाले बयान पर कन्हैया ने बदला अपना सुर

वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों पर अपने बयानों के लिए आलोचना का सामना कर रहे जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार नुकसान की भरपाई की कोशिश करते नजर आए और कहा कि वह हर नरसंहार के खिलाफ लड़ेंगे।

1984 सिख विरोधी दंगों वाले बयान पर कन्हैया ने बदला अपना सुर

नई दिल्ली: वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों पर अपने बयानों के लिए आलोचना का सामना कर रहे जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार नुकसान की भरपाई की कोशिश करते नजर आए और कहा कि वह हर नरसंहार के खिलाफ लड़ेंगे।

यहां जंतर मंतर पर जुलूस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम नरसंहार के खिलाफ लड़ेंगे चाहे बथनी टोला नरसंहार हो, 1984 का दंगा हो या फिर 2002 का दंगा। हम साथ मिलकर उसके खात्मे के लिए लड़ेंगे और हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय और समाज के पक्ष में यह खत्म हो।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार हमारे संघर्ष में हमें थकाना चाहती है। लेकिन वे यह बात जान लें ना तो उनका शोषण नया है ना ही हमारा संघर्ष नया है। आप हमें थकाकर हमारा शोषण नहीं कर सकते और हम अपने संघषरें में नहीं थकेंगे।’ पिछले दिनों कन्हैया को उनके इस बयान के लिए आलोचना झेलनी पड़ी कि 1984 का सिख विरोधी दंगा ‘भीड़ का नरसंहार’ था जबकि 2002 का गुजरात दंगा ‘राज्य प्रायोजित हिंसा’ थी।

 

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