कश्मीर: पुलिस अधिकारी का खुलासा, पत्थरबाज़ों को जुटाने के लिए 300 WhatsApp ग्रुप इस्तेमाल हो रहा था
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कश्मीर: पुलिस अधिकारी का खुलासा, पत्थरबाज़ों को जुटाने के लिए 300 WhatsApp ग्रुप इस्तेमाल हो रहा था

मुठभेड़ स्थलों पर सुरक्षा बलों के अभियानों को बाधित करने के लिए कश्मीर में पथराव करने वालों को जुटाने के लिए तकरीबन 300 व्हाट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल किया जा रहा था. उसमें से 90 फीसदी अब बंद हो गए हैं. एक पुलिस अधिकारी ने रविवार (23 अप्रैल) को यह बात कही.

इन 300 व्हाट्स ऐप ग्रुप में प्रत्येक में तकरीबन 250 सदस्य थे. (फाइल फोटो)

श्रीनगर: मुठभेड़ स्थलों पर सुरक्षा बलों के अभियानों को बाधित करने के लिए कश्मीर में पथराव करने वालों को जुटाने के लिए तकरीबन 300 व्हाट्सऐप ग्रुप का इस्तेमाल किया जा रहा था. उसमें से 90 फीसदी अब बंद हो गए हैं. एक पुलिस अधिकारी ने रविवार (23 अप्रैल) को यह बात कही.

इन 300 व्हाट्स ऐप ग्रुप में प्रत्येक में तकरीबन 250 सदस्य थे. अधिकारी ने बताया कि कैसे पथराव करने वाली भीड़ को मुठभेड़ स्थलों पर जुटाकर सुरक्षा बलों के अभियानों को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘हमने इन ग्रुप और ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर की पहचान की, जिन्हें पुलिस ने काउन्सलिंग के लिए बुलाया था. हमें इस पहल पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली.’ पिछले तीन सप्ताह में इन व्हाट्सऐप ग्रुप में 90 फीसदी से अधिक को बंद कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने की सरकार की नीति लगता है मुठभेड़ों के दौरान पथराव पर रोक लगाने में सकारात्मक नतीजे दिखा रही है और बड़गाम जिले में शनिवार (22 अप्रैल) की मुठभेड़ के मामले का हवाला दिया.

मुठभेड़ में शनिवार को दो आतंकवादियों को मार गिराया गया था. उस दौरान पथराव करने के लिए कुछ ही युवक जुटे थे.

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